नयी दिल्ली:
ऐसे बच्चे जो बात-बात पर हाथ उठाते हैं, चांटा मारने लगते हैं, काटते हैं या फिर खिलौने तोड़ने लगते हैं को देखकर अकसर माता-पिता काफी परेशान हो जाते हैं. ऐसे में आपको विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. अकसर बच्चों को गुस्सा तब आता है जब उनकी मांग पूरी नहीं की जाती है, ऐसे में बच्चों को शांत करने के लिए माता-पिता उनकी मांगों को पूरा करने लगते हैं, जिससे उनके बच्चे जिद्दी हो जाते हैं. गुस्सैल बच्चों को कैसे नियंत्रित किया जाए, आइए जानते हैं.
बच्चों के लिए उदाहरण तय करना बेहद महत्वपूर्ण होता है. माता-पिता को बच्चों के सामने अपने गुस्से को प्रदर्शित नहीं करना चाहिए.
बच्चों के सामने ऐसे टीवी कार्यक्रम देखने से बचें, जिसमें हिंसा दिखाई जा रही हो. ये ध्यान रखें कि बच्चे बहुत जल्दी सीखते हैं.
अपने बच्चों को ऐसे लोगों से दूर रखें, जो जरा-जरा सी बात पर गुस्सा हो जाते हैं या जिन्हें अपने गुस्से पर कंट्रोल करना नहीं आता.
बच्चे को किसी भी प्रकार का शारीरिक दंड देने से बचें. यह बच्चे में उग्रता पैदा करते हैं.
बच्चे के गुस्से को समझें. कई बार बच्चे अटेंशन पाने के लिए भी अपने व्यवहार को बदलते रहते हैं.
बच्चों के प्रति अपने प्रेम को दर्शना बेहद अहम होता है. अपने बच्चों को ये जरूर बताएं कि आप उनसे बेहद प्यार करते हैं.
बच्चों के लिए उदाहरण तय करना बेहद महत्वपूर्ण होता है. माता-पिता को बच्चों के सामने अपने गुस्से को प्रदर्शित नहीं करना चाहिए.
बच्चों के सामने ऐसे टीवी कार्यक्रम देखने से बचें, जिसमें हिंसा दिखाई जा रही हो. ये ध्यान रखें कि बच्चे बहुत जल्दी सीखते हैं.
अपने बच्चों को ऐसे लोगों से दूर रखें, जो जरा-जरा सी बात पर गुस्सा हो जाते हैं या जिन्हें अपने गुस्से पर कंट्रोल करना नहीं आता.
अपने गुस्सैल बच्चे से बेअदबी से पेश न आएं. इससे आपके बच्चे के गुस्सैल व्यवहार को बढ़ावा मिल सकता है.
बच्चे को किसी भी प्रकार का शारीरिक दंड देने से बचें. यह बच्चे में उग्रता पैदा करते हैं.
बच्चे के गुस्से को समझें. कई बार बच्चे अटेंशन पाने के लिए भी अपने व्यवहार को बदलते रहते हैं.
अपने आक्रामक बच्चे को कंट्रोल करके रखें, हो सकता है कि वह अपने गुस्से में किसी अन्य व्यक्ति को हानि पहुंचा दे.
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