Cholesterol reduce tips : कोलेस्ट्रॉल लीवर द्नारा निर्मित एक वसा पदार्थ है, जो खुद से शरीर के दूसरे अंगों तक नहीं पहुंच सकता है. इसके लिए लिपोप्रोटीन नामक कण के सहारे की जरूरत होती है. ये कण ब्लड के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल को दूसरे अंगों तक पहुंचाने का काम करता है. ये तो बात हो गई कोलेस्ट्रॉल क्या है उसकी. अब आपको बता दें कि लिपोप्रोटीन के प्रकार के बारे में. ये प्रोटीन दो तरह के होते हैं, पहला लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन, हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन.
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जब शरीर में एलडीएल लिपोप्रोटीन बढ़ जाता है तो उसे बैड कोलेस्ट्रॉल कहते हैं. इससे स्ट्रोक, हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है. वहीं, हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन को अच्छा कोलेस्ट्रॉल माना जाता है.
बैड कोलेस्ट्रॉल में स्मूदी - अब आते हैं जब शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो किन स्मूदी का सेवन करना चाहिए जिससे उनका असर कम हो जाए.
गुड़हल की चाय, एवोकाडो ग्रीन स्मूदी, ग्रीन टी, हल्दी वाला बादाम दूध, चुकंदर, गाजर और नींबू का जूस और ओट्स और चिया सीड्स से बनी स्मूदी.
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण- अगर आपके शरीर में एलडीएल का लेवल बढ़ जाए तो आप इन तरीकों से पहचान सकते हैं- वजन बढ़ना, पैर में दर्द, ज्यादा पसीना आना, त्वचा के रंग में बदलाव, सीने में दर्द और क्रैंप्स.
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण - असंतुलित आहार, तनाव रहना और ज्याद शराब का सेवन.
कितना हो कोलेस्ट्रॉल - अगर आपका बैड कोलेस्ट्रॉल 100 से कम हो तो आप खतरे से बाहर हैं, लेकिन आप हार्ट के पेशेंट हैं और आपका कोलेस्ट्रॉल 100 से 129 एमजी प्रति डीएल है तो ये ठीक नहीं है. लेकिन आपको किसी तरह की गंभीर बीमारी नहीं है तो फिर ये कोलेस्ट्रॉल लेवल ठीक है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.