बच्चे को किस उम्र में कितने घंटे सुलाना चाहिए? एक्सपर्ट ने बताया बच्चों के ब्रेन पर होता है इसका सीधा असर

Children and Sleep: आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि बच्चों को किस उम्र में कितने घंटे सुलाना चाहिए यानी किस उम्र में किनते घंटे की नींद जरूरी है.

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उम्र के मुताबिक कितने घंटे सोना चाहिए?

How much sleep should kids get by age: बच्चों से लेकर बड़ों तक, अच्छी सेहत के लिए अच्छी नींद बेहद जरूरी है. खासकर बच्चों की सेहत और इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में नींद का अहम योगदान होता है. नींद से न केवल शरीर को आराम मिलता है, बल्कि ये शरीर के विकास और इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखने में भी मदद करती है. ऐसे में आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि बच्चों को किस उम्र में कितने घंटे सुलाना चाहिए यानी किस उम्र में किनते घंटे की नींद जरूरी है. 

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

मामले को लेकर फेमस न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं, अगर बच्चा पर्याप्त नींद नहीं ले रहा है, तो वह बार-बार बीमार पड़ सकता है, चिड़चिड़ा हो सकता है, साथ ही इसका बच्चे के ब्रेन और उसकी ग्रोथ पर भी खराब असर पड़ सकता है. नींद की कमी के चलते ब्रेन का विकास ठिक तरह से नहीं हो पाता है, जिससे बच्चा कमजोर रह सकता है, उसे चीजों को सीखने या फोकस करने में परेशानी हो सकती है. 

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उम्र के मुताबिक कितने घंटे सोना चाहिए?

नवजात (0–3 महीने)

लवनीत बत्रा के मुताबिक, 3 महीने तक के बच्चे के लिए रोज 14–17 घंटे की नींद जरूरी होती है.

शिशु (4–11 महीने)

4 से लेकर 11 महीने के बच्चे को 12 से 15 घंटे की नींद लेनी चाहिए.

टॉडलर्स (1–2 साल)

1 से 2 साल के बच्चे को रोज 11 से 14 घंटे तक सुलाना चाहिए.

प्री-स्कूलर (3–5 साल)

3 साल से लेकर 5 साल का होने तक बच्चे को रोज 10 से 13 घंटे सोना चाहिए.

6–13 सालकिशोर (14–17 साल)

इन सब से अलग 14 से लेकर 17 साल के बच्चे के लिए 8 से 10 घंटे की नींद काफी होती है.

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इन बातों का भी रखें ध्यान

  • नींद से अलग न्यूट्रिशनिस्ट बच्चे की बेहतर ग्रोथ और मजबूत इम्यून सिस्टम के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार को भी जरूरी है.
  • इसके लिए वे बच्चों के खान-पान में प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स और प्रोबायोटिक्स का होना बेहद जरूरी बताती हैं. 
  • न्यूट्रिशनिस्ट्स के अनुसार, बच्चों को रोजाना अलग-अलग तरह की दालें जैसे कि मसूर, मूंग, चना और अरहर की दाल खिलानी चाहिए. इन दालों में प्रोटीन, आयरन और फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.
  • इन सब से अलग बच्चों को दिन में एक बार ताजा दही भी जरूर खिलानी चाहिए. दही एक प्राकृतिक प्रोबायोटिक है जो आंतों के स्वास्थ्य को सुधारता है और शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करता है. 

लवनीत बत्रा के मुताबिक, जब नींद और पोषण दोनों का ध्यान रखा जाता है, तभी बच्चे का सम्पूर्ण विकास संभव होता है. इसलिए आज ही अपने बच्चे के रूटीन में बदलाव लाएं.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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