बच्चों में लूज मोशन को तुरंत कैसे रोके? आयुर्वेद आचार्य ने बताए असरदार नुस्खे

How do you stop loose motion in children: आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रताप चौहान बताते हैं, बच्चों में लूज मोशन को केवल दवाओं से नहीं, बल्कि कुछ आसान और सुरक्षित आयुर्वेदिक उपायों से भी रोका जा सकता है. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ उपाय-

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लूज मोशन होने पर तुरंत क्या करें?

Loose motion in Kids: गर्मियों का मौसम हो या बरसात का, बच्चों में लूज मोशन की परेशानी होना आम बात है. यह स्थिति न सिर्फ उनके शरीर को कमजोर कर देती है, बल्कि माता-पिता को भी चिंता में डाल देती है. आयुर्वेद के अनुसार, यह समस्या तब होती है जब बच्चे की पाचन अग्नि कमजोर हो जाती है और शरीर में दोषों का असंतुलन होने लगता है. मामले को लेकर NDTV संग हुई खास बातचीत के दौरान जिवा आयुर्वेद के निदेशक और वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रताप चौहान ने बताया, बच्चों में लूज मोशन को केवल दवाओं से नहीं, बल्कि कुछ आसान और सुरक्षित आयुर्वेदिक उपायों से भी रोका जा सकता है. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ उपाय-

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लक्षणों को समझें फिर जड़ से इलाज करें

डॉक्टर प्रताप चौहान बताते हैं, अगर आपका बच्चा दिन में तीन बार से ज्यादा ढीला दस्त कर रहा है, उसके मुंह का स्वाद खराब हो गया है और पेट में मरोड़ भी महसूस हो रही है, तो यह संकेत हो सकते हैं कि शरीर में विषाक्तता बढ़ रही है. ऐसे समय में केवल लक्षणों को दबाना नहीं, बल्कि उनकी जड़ तक जाकर इलाज करना जरूरी है. 

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लूज मोशन होने पर तुरंत क्या करें?

डॉक्टर प्रताप चौहान के मुताबिक, थोड़ा ध्यान देने और कुछ असरदार नुस्खों को अपनाने से आप अपने बच्चे को इस स्थिति से जल्दी राहत दिला सकते हैं. जैसे-

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अनार के छिलके का चूर्ण

अनार के सूखे छिलकों को पीसकर आधा चम्मच पाउडर लें और गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार बच्चे को दें. यह पाचन को मजबूत करता है और दस्त रोकता है.

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बेल का गूदा

पका हुआ बेल बच्चों के दस्त में बहुत लाभकारी होता है. उसका गूदा निकालकर उसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाएं और दिन में एक बार खिलाएं.

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जामुन की गुठली का पाउडर

जामुन की गुठलियों को सुखाकर पाउडर बना लें. एक चुटकी यह पाउडर छाछ में मिलाकर देने से दस्त धीरे-धीरे रुकने लगते हैं.

सूखा धनिया और मिश्री

बराबर मात्रा में धनिया और मिश्री को पीसकर मिश्रण तैयार करें. आधा चम्मच यह मिश्रण दिन में दो बार देने से दस्त में काफी राहत मिलती है.

सौंफ और शहद

थोड़ी सी सौंफ को कूटकर उसे पानी में उबालें. जब पानी आधा रह जाए, तो उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और ठंडा करके बच्चे को पिलाएं.

इन बातों का विशेष ध्यान रखें

इन उपाय से अलग डॉक्टर प्रताप कुछ बातों का ख्याल रखने की सलाह देते हैं. जैसे-

  • बच्चे को हमेशा उबला हुआ या फिल्टर्ड पानी ही पिलाएं.
  • ओआरएस या नींबू-शक्कर-पानी का घोल देते रहें ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो.
  • बाहर के खाने से बचाएं और ताजा, हल्का भोजन दें.
  • पका हुआ केला मैश करके भी दिया जा सकता है, यह दस्त रोकने में मदद करता है.
कब डॉक्टर से मिलना जरूरी है?

अगर दस्त के साथ बुखार, खून आना या बच्चा बहुत कमजोर और सुस्त लगने लगे, तो देर न करें. ऐसे में तुरंत हेल्थ एक्सपर्ट से परामर्श जरूरी है, ताकि गहराई से स्थिति की जांच की जा सके और समय पर सही उपचार हो.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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