Golden Raisins vs. Black Raisins: किशमिश को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. हालांकि, किशमिश भी दो तरह की होती हैं- पीली (गोल्डन) किशमिश और काली (ब्लैक) किशमिश. ऐसे में अधिकतर लोग दोनों के बीच फर्क को लेकर कंफ्यूज रहते हैं. वहीं, कई लोगों के मन में सवाल होता है कि दोनों में से कौन सी किशमिश ज्यादा फायदेमंद होती है. हाल ही में न्यूट्रिशनिस्ट दीपशिखा जैन ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर कर इसका जवाब दिया है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इस बारे में-
क्या कहती हैं एक्सपर्ट?
वीडियो में न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं, काली और पीली दोनों किशमिश सेहत के लिए अच्छी होती हैं. दोनों में ऐंटिऑक्सिडेंट्स और फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है. हालांकि, काली किशमिश में ये मात्रा थोड़ी अधिक होती है.
पीली किशमिश के फायदेपीली या गोल्डन किशमिश सल्फर डाइऑक्साइड से सूखाई जाती है, इसलिए इसका रंग हल्का होता है. न्यूट्रिशनिस्ट दीपशिखा जैन के अनुसार, यह थायरॉयड के मरीजों के लिए खासतौर पर फायदेमंद होती है. अगर इसे सुबह खाली पेट भिगोकर खाया जाए, तो यह थायरॉयड लेवल को संतुलित करने में मदद कर सकती है.
काली किशमिश के फायदे
काली किशमिश आयरन का बेहतरीन स्रोत होती हैं. अगर किसी को खून की कमी (एनीमिया) है, तो रोजाना 6–7 काली किशमिश भिगोकर खाना बहुत फायदेमंद होता है. इससे शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है और कमजोरी दूर होती है.
अगर आप फिटनेस या वेट लॉस की जर्नी पर हैं, तो दोनों तरह की किशमिश आपकी डाइट में शामिल हो सकती हैं. ये नेचुरल स्वीटनर की तरह काम करती हैं और शुगर की क्रेविंग को कम करती हैं. वहीं, स्किन के लिए यह बेहतरीन एंटी-एजिंग फूड है, क्योंकि इनमें मौजूद ऐंटिऑक्सिडेंट्स झुर्रियों को कम करने और स्किन को हेल्दी ग्लो देने में मदद करते हैं. हालांकि, जैसा कि ऊपर जिक्र किया गया है, काली किशमिश में ऐंटिऑक्सिडेंट्स की मात्रा थोड़ी ज्यादा होती है, ऐसे में काली किशमिश खाना ज्यादा बेहतर है. ये शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में मदद करती है. इससे स्किन ग्लोइंग बनती है. हालांकि, तमाम फायदों के बावजूद एक सीमित मात्रा में ही किशमिश का सेवन करें. साथ ही इन्हें भिगोकर ही खाएं. रोजाना 6 से 8 किशमिश पर्याप्त हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.