- खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण पेट से जुड़ी समस्याएं और कब्ज की समस्या आम हो गई है
- आयुर्वेदिक डॉक्टर सलीम जैदी के अनुसार त्रिफला और इसबगोल की भूसी आंतों की सफाई में बहुत प्रभावी होती है
- त्रिफला हरड़, बहेड़ा और आंवला से बना होता है और पाचन तंत्र को सुधारने तथा कब्ज दूर करने में मदद करता है
Detox Colon Relieve Constipation: आजकल खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते पेट से जड़ी समस्याएं बहुत आम हो गई है. दुनिया भर में करोड़ों लोग पेट से जुड़ी समस्याओं से परेशान रहते हैं, जिसमें सबसे आम पेट सही से साफ नहीं होना है. पेट सही से साफ नहीं होने से सेहत को बहुत ही नुकसान होता है. दरअसल, रोजाना पेट सही से साफ नहीं होता तो धीरे-धीरे कब्ज और पाचन से जुड़ी समस्या गंभीर हो सकती है. अगर, आप भी पेट सही से साफ नहीं होने की समस्या से परेशान हैं तो आयुर्वेदिक डॉक्टर सलीम जैदी के द्वारा आयुर्वेदिक उपाय आपके लिए बहुत असरदार हो सकता है.
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आयुर्वेदिक डॉक्टर सलीम जैदी के मुताबिक, पेट साफ नहीं होने से खराब बैक्टीरिया की संख्या तेजी से बढ़ने लगती है और फिर ये बैक्टीरिया गंभीर बीमारी का कारण बनता है. ऐसे में कब्ज की समस्या और आंतों की सफाई के लिए त्रिफला और इसबगोल या इसबघोल की भूसी बहुत ही असरदार हो सकती है.
त्रिफला
डॉक्टर सलीम जैदी के मुताबिक, त्रिफला तीन फलों हरड़, बहेड़ा और आंवला से मिलकर बनता है. यह पाचन तंत्र के लिए बहुत लाभकारी होता है. 2012 में त्रिफला पर की गई रिसर्च स्टडी में यह पाया गया कि यह सेहत के लिए बहुत असरदार हो सकती है. त्रिफला पाचन के लिए बहुत फायदेमंद है. यह कब्ज दूर करता है और आंतों की टोन को बेहतर बनाने में मदद करता है.
कैसे करें त्रिफला का सेवन
त्रिफला का सेवन करने के लिए आप 1 चम्मच रात को सोने से ठीक पहले लें. इसे एक गिलास गुनगुने पानी या गर्म दूध के साथ सेवन करें. रात में इसका सेवन करने से यह सुबह पेट साफ करने में मदद करता है.
इसबगोल की भूसीपाचन और आंतों की सफाई के लिए इसबगोल भी भूसी बहुत ही असरदार होती है. इसबगोल फाइबर का एक बेहतरीन प्राकृतिक स्रोत है. जब इसे पानी के साथ लिया जाता है, तो यह फूल जाता है और एक जेल जैसा पदार्थ बनाता है, जो मल को नरम करता है और आंतों से आसानी से बाहर निकालने में मदद करता है. यह आंतों में चिपके हुए मल को साफ करने के लिए बहुत ही असरदार होती है.
रात को सोने से पहले 1 से 2 चम्मच इसबगोल की भूसी लें. इसे एक गिलास गुनगुने पानी या दूध ले सकते हैं. इसबगोल लेते समय पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है, नहीं तो यह खुद ही पेट में रुकावट पैदा कर सकता है. इसके अलावा आंतों की सफाई के लिए अच्छी मात्रा में पानी पीना भी जरूरी होता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.