लंदन: कुछ लोग अपनी छींक जबरदस्ती रोकने लगते हैं. वहीं कुछ लोग अन्य व्यक्ति को छींक आने पर उसका ध्यान भटकाकर छींक रोकने की कोशिश करना शुरू कर देते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि जब नाक और मुंह बंद करके किसी की छींक को जबरदस्ती रोकने का प्रयास करना जीवन के लिए घातक साबित हो सकता है. डॉक्टरों ने इस संबंध में चेताया है. इन डॉक्टरों में भारतीय मूल के डॉक्टर भी शामिल हैं.
दरअसल, एक व्यक्ति हाल ही में छींक रोकने का करतब दिखाने का प्रयास करते हुए घायल हो गया था. उसके गले में दिक्कत पैदा हो गई थी. अपनी नाक और मुंह बंद करके छींक को रोकने का प्रयास करने पर इस युवक के गले में झनझनाहट पैदा हो गई और फिर गला सूज गया. ब्रिटेन के लीसेस्टर विश्वविद्यालय अस्पताल के डॉक्टरों ने उसका इलाज किया.
भारतीय मूल के रघुविंदर एस सहोटा और सुदीप दास सहित अन्य डॉक्टरों ने कहा कि थोड़ी देर बाद उसने कोई चीज निकलने में दर्द महसूस किया और फिर उसकी आवाज चली गई. सात दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उसकी दिक्कतें कम हुईं और उसे छुट्टी दी गई.
डाक्टरों ने कहा, नाक और मुंह बंद करके छींक को रोकना खतरनाक करतब है और इससे बचा जाना चाहिए.
दरअसल, एक व्यक्ति हाल ही में छींक रोकने का करतब दिखाने का प्रयास करते हुए घायल हो गया था. उसके गले में दिक्कत पैदा हो गई थी. अपनी नाक और मुंह बंद करके छींक को रोकने का प्रयास करने पर इस युवक के गले में झनझनाहट पैदा हो गई और फिर गला सूज गया. ब्रिटेन के लीसेस्टर विश्वविद्यालय अस्पताल के डॉक्टरों ने उसका इलाज किया.
भारतीय मूल के रघुविंदर एस सहोटा और सुदीप दास सहित अन्य डॉक्टरों ने कहा कि थोड़ी देर बाद उसने कोई चीज निकलने में दर्द महसूस किया और फिर उसकी आवाज चली गई. सात दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उसकी दिक्कतें कम हुईं और उसे छुट्टी दी गई.
डाक्टरों ने कहा, नाक और मुंह बंद करके छींक को रोकना खतरनाक करतब है और इससे बचा जाना चाहिए.
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