Diabetes Diet: खानपान में क्या शामिल करना है और क्या नहीं यह डायबिटीज के मरीजों की बड़ी चिंता रहती है. ऐसे कई फूड्स हैं जिन्हें खाने पर ब्लड शुगर लेवल अचानक से बढ़ या घट सकता है. ऐसे में क्या खाना है और क्या नहीं यह सोचना पड़ता है. तरबूज (Watermelon) गर्मियों का ऐसा फल है जो सेहत को दुरुस्त रखता है. इसका वॉटर कंटेंट हाई होता है और यह शरीर को तपतपाती धूप से होने वाली पानी की कमी से बचाता है. लेकिन, सवाल है कि क्या डायबिटीज के मरीजों को तरबूज खाना चाहिए या नहीं. इस सवाल का जवाब दे रही हैं एम्स की डॉ. प्रियंका सहरावत. डायबिटीज के मरीजों (Diabetes Patients) को कुछ भी खाने से पहले फूड के ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड को पहचानने की जरूरत होती है.
डॉ. प्रियंका कहती हैं, ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) हमें यह बताता है कि कुछ खाने पर हमारा शुगर ब्लड में कितनी तेजी से बढ़ेगा. फाइबर से भरपूर फूड्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जैसे खीरा, ककड़ी. अखरोट और बादाम. वहीं, प्रोसेस्ड फूड्स, मीठी चीजें जैसे शुगर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है. तरबूज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 80 होता है यानी ज्यादा होता है फिर भी डायबिटीज के मरीज तरबूज खा सकते हैं. इसकी वजह है ग्लाइसेमिक लोड.
ग्लाइसेमिक लोड (Glycemic Load) हमें सिर्फ यह नहीं बताता कि शुगर कितनी तेजी से स्पाइक होगा या बढ़ेगा बल्कि वो यह बताता है कि शुगर कितना बढ़ेगा. डॉ. प्रियंका के अनुसार प्रीडायबेटिक और डायबेटिक लोगों के लिए ग्लाइसेमिक लोड ज्यादा मायने रखता है. तरबूज, केला और सेब का ग्लाइसेमिक लोड 11 से 19 के बीच आता है जोकि मोडरेट ग्लाइसेमिक लोड है. इसीलिए इन फलों को डायबिटीज के मरीज हफ्ते में 3 बार खा सकते हैं. चावल, शकरकंदी और आलू का ग्लाइसेमिक लोड 20 से ज्यादा होता है इसीलिए डायबिटीज के मरीजों को इन फूड्स को खाने से परहेज करना चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.