क्या तनाव से सचमुच खराब होती है त्वचा, डर्मेटोलॉजिस्ट ने बताया कैसे रहेगी स्किन हेल्थ अच्छी

Stress And Skin Health: स्किन केयर में चाहे कितने ही महंगे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर लिया जाए, लेकिन अगर त्वचा अंदरूनी रूप से स्वस्थ नहीं होगी तो निखरी हुई नजर नहीं आएगी. ऐसे में डर्मेटोलॉजिस्ट से जानिए तनाव दूर करके त्वचा का ख्याल कैसे रखा जा सकता है. 

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How Stress Affects Skin: जानिए तनाव किस-किस तरह से त्वचा को करता है प्रभावित. 

Skin Care Tips: स्किन को लेकर अक्सर ही कहा जाता है कि तनाव का सीधा असर चेहरे पर नजर आता है. कहा तो यह भी जाता है कि जरूरत से ज्यादा तनाव लेने पर स्किन पर ब्रेकआउट्स होने लगते हैं और स्किन का ग्लो कहीं खो जाता है. लेकिन, क्या सचमुच तनाव (Stress) त्वचा को प्रभावित करता है? डर्मेटोलॉजिस्ट आंचल पंथ का कहना है हां. डर्मेटोलॉजिस्ट ने अपनी एक वीडियो में इस बात का जिक्र किया है कि तनाव लेने पर त्वचा प्रभावित होने लगती है. तनाव लेने पर त्वचा पर फाइन लाइंस, झुर्रियां और दाग-धब्बे हो सकते हैं. यहां जानिए डर्मेटोलॉजिस्ट (Dermatologist) त्वचा पर तनाव के कौन-कौन से प्रभाव बता रही हैं और साथ ही इन दिक्कतों को दूर करने के तरीके भी जिससे त्वचा का ख्याल रखा जा सके. 

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तनाव का त्वचा पर प्रभाव | Stress Effects On Skin 

डर्मेटोलॉजिस्ट के अनुसार वैज्ञानिक खोजों के अनुसार तनाव के कारण त्वचा की सेहत कई तरह से प्रभावित होती है. 

बैरियर फंक्शन होता है खराब - डर्मेटोलॉजिस्ट का कहना है कि क्रोनिक स्ट्रेस स्किन के बैरियर फंक्शन को खराब करता है जिससे त्वचा पर हाइड्रेशन की कमी भी होने लगती है. इससे स्किन पर इरिटेंट्स और इंफेक्शंस बढ़ने लगते हैं. 

इंफ्लेमेशन और इम्यून रिस्पोंस - तनाव के कारण प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकाइन्स और स्ट्रेस हार्मोन जैसे कॉर्टिसोल रिलीज होते हैं जो त्वचा की इंफ्लेमेशन को बढ़ाते हैं और सोराइसिस, एक्जेमा और एक्ने जैसी स्किन प्रोब्लम्स होने लगती है. इससे स्किन का इम्यून सिस्टम भी कमजोर पड़ना शुरू हो जाता है जिससे स्किन सही तरह से हील नहीं हो पाती है. 

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एजिंग और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस - स्ट्रेस से स्किन एजिंग बढ़ती है. इससे कोलाजन और इलास्टिन फाइबर्स भी डैमेज होने लगते हैं. इससे झुर्रियां, फाइन लाइंस और स्किन इलास्टिसिटी कम होती है. 

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सीबम प्रोडक्शन - स्ट्रेस से सीबम प्रोडक्शन ज्यादा होता है, एक्ने बढ़ता है और ऑयली स्किन (Oily Skin) की दिक्कत हो जाती है. इसीलिए किसी इंपोर्टेंट इवेंट से पहले जब स्ट्रेस लेते हैं तो पिंपल्स निकल आते हैं. 

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चोट भरना - स्ट्रेस के कारण चोट भरने में रुकावट आने लगती है. तनाव से टिशूज बनाने वाले फैक्टर्स की ग्रोथ भी धीमी पड़ जाती है. 

साइकोलॉजिकल इंपैक्ट - स्ट्रेस के कारण कई बार साइकोलॉजिकल बिहेवियर जैसे स्किन को नोचने या उखाड़ने वाली आदतें बढ़ जाती हैं जिससे स्किन को ज्यादा नुकसान पहुंचने लगता है. 

कैसे करें स्ट्रेस को मैनेज 

तनाव को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव किए जा सकते हैं. एक्सरसाइज करना, माइंडफुलनेस, मेडिटेशन, पूरी नींद, हेल्दी सोशल कनेक्शंस मेंटेन करना, प्रोटीन से भरपूर हेल्दी डाइट लेना, अपने मनपसंद काम करना और ग्रेटिट्यूड प्रैक्टिस करना फायदेमंद होता है. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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