क्या उंगली चटकाने से बढ़ जाती है आर्थराइटिस की संभावना? डॉक्टर ने बताया इस बात में कितनी है सच्चाई

Cracking Knuckles: उंगलियां चटकाने पर हाथों पर क्या असर होता है, हड्डियों पर क्या प्रभाव पड़ता है और इससे आर्थराइटिस की दिक्कत हो सकती है या नहीं डॉक्टर से जान लीजिए.

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Ungali Chatkana: बार-बार उंगली चटकाने से क्या हो सकता है?

Cracking Knuckles Side Effects: आर्थराइटिस (Arthritis) जोड़ों में दर्द और सूजन को कहते हैं. इस बीमारी में जोड़ों में हर समय दर्द रहने लगता है और सूजन जाने का नाम नहीं लेती है जिससे व्यक्ति को असहजता होती है और उठने-बैठने या किसी सामान्य काम को करने में भी दिक्कत होने लगती है. कई बार कहा जाता है कि उंगलियां चटकाने (Ungali Chatkane)  पर आर्थराइटिस की दिक्कत हो सकती है. यह भी कहा जाता है कि इससे उंगलियां कमजोर होना शुरू हो जाती हैं. लेकिन, इसमें कितनी सच्चाई है और कितनी नहीं यह एक्सपर्ट से जानना जरूरी है. आयुर्वेद और युनानी मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. सलीम जै़दी ने बताया उंगली चटकाने पर आर्थराइटिस की दिक्कत होती है या नहीं.

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क्या उंगली चटकाने पर आर्थराइटिस की दिक्कत होती है?

डॉ. सलीम जैदी का कहना है कि स्टडीज में पता चला है कि जो लोग सालों से उंगलियां चटकाते हैं उनमें आर्थराइटिस की दिक्कत उतनी ही देखी गई है जितनी कि उंगलियां ना चटकाने वाले लोगों में थी. यानी उंगलियां चटकाने पर आर्थराइटिस की दिक्कत नहीं होती है.

कैसे चटकती हैं उंगलियां?

उंगलियां चटकाने पर हड्डियां नहीं चटकती हैं बल्कि हड्डियों के बीच में गैस के बबल्स होते हैं जो चटकते हैं या फूटते हैं तो कट-कट की आवाज आती है.

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क्या उंगलियां चटकानी चाहिए?

डॉ. ज़ैदी का कहना है कि उंगलियां चटकाने की आदत अच्छी नहीं है इसीलिए उंगलियां चटकाने से मना किया जाता है. वहीं, बहुत सालों तक उंगलियां चटकाती रही जाएं तो उंगलियों की ग्रिप थोड़ी बहुत कम हो सकती है. इसके अलावा उंगलियां चटकाने से अलग से कोई दिक्कत नहीं होती है और अर्थराइटिस नहीं होता है. हालांकि, डॉ. ज़ैदी की सलाह है कि बहुत ज्यादा देर तक उंगलियां नहीं चटकानी चाहिए.

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आर्थराइटिस कब होता है?
  • उम्र बढ़ने के कारण बहुत से लोगों को आर्थराइटिस की दिक्कत हो जाती है.
  • जेनेटिक्स भी आर्थराइटिस होने की वजह हो सकती है.
  • जोड़ों में लगी किसी तरह की चोट.
  • इंफेक्शंस के चलते भी आर्थराइटिस हो सकता है.
  • मेटाबॉलिक कंडीशन जैसे गाउट (Gout) या गठिया आर्थराइटिस की वजह बनते हैं.
  • मोटापा आर्थराइटिस के रिस्क फैक्टर्स में शामिल है.
  • जिन लोगों का लाइफस्टाइल बिल्कुल भी एक्टिव नहीं है उन्हें आर्थराइटिस हो सकता है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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