केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) फैलने के बाद फैले कुछ मिथकों को दूर करते हुए बुधवार को कहा कि इसका संक्रमण मच्छर के काटने से नहीं फैलता है. इसी के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि अगर किसी को लगता है कि खुद को वायरस से बचाने के लिए मास्क पहनना चाहिए तो यह भी गलत है. मंत्रालय के मुताबिक ऐसे लोगों को मास्क पहनना चाहिए जिनमें बुखार, खांसी और जुकाम जैसे लक्षण हैं या वे स्वास्थ्य कर्मी हैं या आइसोलेशन में रखे गए लोगों की देखभाल करने का काम कर रहे हैं.
मंत्रालय ने इस वायरल संक्रमण के बारे में अफवाहों और गलत सूचनाओं को दूर किया जिसने भारत में 10 लोगों की जान ले ली है और 606 से अधिक लोगों को संक्रमित किया है.
मंत्रालय ने कहा कि यह एक मिथक है कि केवल कोविड-19 (COVID-19) के लक्षणों वाले लोग ही इस बीमारी को फैला सकते हैं. मंत्रालय के मुताबिक, "यहां तक ऐसे लोग भी कोविड-19 संक्रमण फैला सकते हैं जो इससे संक्रमित हैं लेकिन उनमें बीमारी के कोई भी लक्षण नहीं हैं."
मंत्रालय ने साथ ही कहा कि यह एक मिथक है कि लहसुन खाने और शराब का सेवन करने से कोरोना वायरस को रोका जा सकता है. उसने कहा, "लहसुन खाने और शराब पीने से कोविड-19 को नहीं रोका जा सकता."
गौरतलब है कि कोरोनावायरस से मुकाबला करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के तीन हफ्तों के लिए लॉकडाउन की घोषणा के बाद बुधवार को दुनिया की सबसे बड़ी बंदी की शुरुआत हूई. गुरुवार को लॉकडाउन का दूसरा दिन है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 606 हो गई है जबकि 10 लोगों की इससे अब तक मौत हो चुकी है. पीएम मोदी ने मंगलवार को देश को संबोधित करते कहा, "अगले 21 दिनों तक अपने घर से निकलना भूल जाइये." स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया कि यदि अभी कड़े कदम नहीं उठाये गए तो संक्रमण बहुत बड़े पैमाने पर फैल सकता है.
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