Remedy in depression : आजकल हर किसी के पास किसी ना किसी बात की टेंशन है, जैसे- करियर ऑफिस और पढ़ाई की. लेकिन कुछ लोग तनाव और चिंता को बहुत ज्यादा हावी कर लेते हैं जिससे अवसाद जैसी मानसिक परेशानी की चपेट में आ जाते हैं. डिप्रेशन से सिर्फ बड़े ही नहीं, बल्कि बच्चे भी जूझ रहे हैं. इस बीमारी में आत्महत्या जैसे ख्याल भी आते हैं जो व्यक्ति को मौत के करीब लाकर खड़ा कर देता है. इसलिए आजकल आत्महत्या जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं. कुछ लोग इससे निजात पाने के लिए एंटी डिप्रेशन जैसी दवाओं का सहारा लेते हैं जिसका लाभ कुछ खास नहीं होता है. जब तक दवाओं का असर होता है आप ठीक होते हैं इसके बाद फिर से आपका मूड वैसा ही हो जाता है. ऐसे में फिर आपको डिप्रेशन जैसी मानसिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए मनोचिकित्सक से उपचार लेना चाहिए. इसके अलावा, कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स को अपने रूटीन का हिस्सा बनाने से भी आपको डिप्रेशन से लड़ने में मदद मिल सकती है.
इस पत्ते वाले मसाले का पानी पीने से घबराहट की परेशानी होती है दूर, बीपी भी रहता है अंडरकंट्रोल
आयुर्वेदिक हर्ब्स डिप्रेशन से निजात दिलाने के लिए
पुदीना | Pudina/Mint - पुदीना भी उन जड़ी बूटियों में से है जो आप डिप्रेशन जैसी बीमारी से लड़ने में मदद कर सकता है. आप इसका ड्रिंक या फिर चटनी बनाकर खा सकते हैं. यह आपके मूड को सुधारने में मदद करता है. आपको कभी भी हल्का तनाव (stress) और डिप्रेशन महसूस हो तो इसको खा लीजिए. यह आपको अच्छा फील करवाएगा.
अश्वगंधा | Ashwagandha - यह भी डिप्रेशन को कम करने में मदद कर सकता है. यह सबसे असरदार औषधि माना जाता है. यह औषधि दिमाग शांत करता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार भी लाता है जिससे आपको बहुत हद तक आराम मिलता है इस बीमारी में.
तुलसी | Tulsi - डिप्रेशन जैसी बीमारी के इलाज में तुलसी भी कारगर है. आप चाय या फिर काढ़ा बनाकर पी सकते हैं. तनाव और चिंता कम करने में भी ये जड़ी बूटी कारगर होती है. आप सुबह खाली पेट इसकी पत्तियों को चबा सकते हैं.
भृंगराज | Bhringraj - इस जड़ी बूटी से भी आपको लाभ मिल सकता है. यह चिंता और तनाव के कारण होने वाली सूजन को कम करता है. यह भी आपकी नींद को बेहतर करने में मदद करता है. इससे भी तनाव और चिंता दूर होती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.