मजाक में कही गईं माता-पिता की ये 5 बातें बच्चों को पहुंचाती हैं दुख, दूरी बनाने लगते हैं बच्चे 

Parenting Tips: कई बार पैरेंट्स जाने-अनजाने में ऐसी कई बातें कह देते हैं जो बच्चों को दुख पहुंचा सकती हैं. इन बातों को बच्चे गंभीरता से लेते हैं और माता-पिता से नाराज भी हो जाते हैं. 

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How Parents Unintentionally Hurt Children: कुछ मजाकियां बातें बच्चों के दुख का बनती हैं कारण. 

Parenting Advice: हम सभी अक्सर ही जाने-अनजाने ऐसे बहुत से काम करते हैं जिनसे किसी को दुख पहुंच सकता है. हो सकता है हमने कोई बात मजाक में कही हो लेकिन सामने वाले व्यक्ति को वो बुरी लगती है. ऐसा ही परिवारों में भी खूब होता है. माता-पिता (Parents) अक्सर ही अकेले में या बाहरी लोगों के सामने बच्चे से मजाक में कुछ ऐसा कह देते हैं या ऐसे काम करते हैं जो बच्चों को दुख पहुंचा सकते हैं. चाहे माता-पिता का मकसद बच्चे को हंसाने या फिर मस्ती करने का हो, लेकिन बच्चों के छोटे से मन पर इन बातों का बुरा प्रभाव पड़ता है. वहीं, बहुत से पैरेंट्स कुछ बच्चों को दुखी होता देख भी इस बात पर अड़े रहते हैं कि हम तो सिर्फ मजाक कर रहे थे. अगर आप भी इसी तरह के मजाक बच्चों से करते हैं तो आपको वक्त रहते अपनी गलती सुधार लेनी चाहिए. 

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बच्चे गंभीरता से लेते हैं पैरेंट्स की मजाक में कही ये बातें 

"यह तो बेवकूफ है"

कई बार माता-पिता दूसरे लोगों के सामने बच्चे को बेवकूफ कहने लगते हैं. यह बातें अक्सर ही मजाक में ही कही जाती हैं लेकिन बच्चों को दिल पर लग जाती हैं. बच्चे इन बातों से आहत हो जाते हैं. 

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"तुम्हें रिश्तेदारों के यहां से लाए थे"

बच्चों को यह कहना कि तुम रिश्तेदारों (Relatives) के यहां से लाए गए हो एक बार या दो बार कहा जाए तो अच्छा लगता है, लेकिन बार-बार यही बातें की जाएं तो बच्चों को बुरी लग सकती हैं. बच्चे इतने छोटे होतें हैं कि वे बात की गंभीरता या मजाक को नहीं समझ पाते. 

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रिश्तेदारों के सामने डांटने-डराने का नाटक 

अक्सर ही जब पूरे परिवार या यार-दोस्तों की टोली लगती है तो हंसने-हंसाने के लिए बच्चे को डांटने-डपटने का नाटक किया जाता है. ऐसे में बच्चों को बुरा लगता है और कई बार तो बच्चे रोना भी शुरू कर देते हैं. माता-पिता के इस तरह के व्यवहार (Behavior) से बच्चे उनसे दूरी बनाने लगते हैं. 

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कद-काठी पर मजाक उड़ाना 

पैरेंट्स कई बार बच्चे की कद-काठी या फिर उनकी रंगत पर भी मजाक करते हैं. चाहे माता-पिता बच्चों को प्यार से या मजाक में ही ये चीजें क्यों ना कहें लेकिन ये चीजें बच्चों को दुखी जरूर करती हैं. 

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"हमारे बच्चे तो नालायक हैं"

पैरेंट्स बच्चों को मजाक में ही कई बार नालायक कहते हैं. ऐसे में देखा यह जाता है कि बच्चे इन बातों को सच मान लेते हैं और उनके आत्मविश्वास में कमी आने लगती है. इसीलिए इस तरह के मजाक कम किए जाना या किए जाना ही अच्छा रहता है. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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