Parenting: सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा एक अच्छा इंसान बने, जीवन में आगे बढ़े, मुश्किलों से लड़ना सीखे, नाम कमाए, दूसरों की मदद करे, समझदार हो, मन से मजबूत लेकिन अन्य लोगों की भावनाओं का सम्मान करना जानता हो और कभी लालची या मतलबी ना बने. हालांकि, इस तरह की बातें बच्चे को बोलकर नहीं सिखाई जातीं बल्कि ये ऐसे गुण हैं जिन्हें बच्चा अपने माता-पिता (Parents) में देखता है तो खुद में भी उतारने की कोशिश करता है. यहां ऐसी ही 5 आदतों का जिक्र किया जा रहा है जिससे बच्चा अच्छी आदतें (Habits) सीखता है और एक बेहतर इंसान बनता है.
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गलती मानने की आदत - अपनी गलती मानना ऐसा गुण है जिसकी कमी अक्सर बड़ों में भी देखने को मिलती है. ऐसे में बच्चों को यह सिखाने के लिए खुद माता-पिता को भी गलती मानने वाला बनना पड़ता है. खासकर जब माता-पिता आपस में लड़ते हैं तो किसपर गलती थोपते हैं और कौन गलती मानता है इसका ध्यान बच्चे भी खूब रखते हैं. ऐसे में आप खुद अपनी गलती मानकर बच्चों के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश कर सकते हैं.
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एक अच्छा दोस्त बनना - कहते हैं कि बच्चे के जन्म के साथ ही उसके कई रिश्ते बन जाते हैं लेकिन दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जिसे बच्चा खुद बनाता है. दोस्त जीवन में बेहद जरूरी होते हैं इसमें कोई दोराय नहीं है. जिंदगी के हर मोड़ पर एक अच्छे और सच्चे दोस्त की जरूरत पड़ती है और व्यक्ति जो खुशी दोस्त के साथ महसूस करता है वो किसी और के साथ नहीं कर पाता. ऐसे में आप अपनी अच्छी दोस्ती का उदाहरण देकर या खुद एक अच्छा दोस्त बनकर बच्चे को भी एक अच्छा दोस्त बनना सिखा सकते हैं.
कम चीजों में खुश रहना - जीवन में किसी को सबकुछ नहीं मिल सकता है. किसी के लिए 50 रुपए भी बहुत होते हैं और कोई 500 में भी खुश नहीं रह पाता है. ऐसे में बच्चे को कम चीजों में खुश रहना सिखाना एक जरूरी सीख है और यह बचपन से सिखाई जानी जरूरी है. माता-पिता छोटी उम्र से ही बच्चे को यह सिखा सकते हैं कि उसे जितना मिला है उतना भी कितनी मेहनत से कमाया गया है और छोटी चीजें भी कितना मूल्य रखती हैं.
मदद करना सिखाना - दूसरों की मदद करने में कोई बुराई नहीं है और मदद करने की आदत व्यक्ति को अच्छा इंसान बनने में भी मदद करती है. आप बच्चे को वॉलंटियर करना सिखा सकते हैं, पड़ोस में कोई बड़ा-बूढ़ा हो तो उनकी मदद करना सिखा सकते हैं और घर में भी किसी को जरूरत हो तो किस तरह मदद का हाथ बढ़ाया जा सकता है, सिखाया जा सकता है.
ईमानदारी - बहुत कम ही लोग हैं जो खुद को पूरी तरह ईमानदार कह सकते हैं. ईमानदारी (Honesty) घर से ही शुरू होती है. अगर माता-पिता खुद ईमानदारी का परिचय देंगे तो बच्चा भी ईमानदारी का गुण सीखेगा. छोटी-छोटी चीजों में भी बेईमानी ना करके बच्चे को ईमानदारी का गुण सिखाया जा सकता है.
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