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This Article is From Nov 21, 2019

इन महिलाओं ने साबित किया उम्र है महज़ एक नंबर, बुढ़ापे में भी किया सपनों को साकार

हम सभी की ज़िंदगी में ढेरों ख्वाहिशें होती हैं लेकिन इन ख्वाहिशों को पूरा करने का एक ही जरिया होता है और वो है कड़ी मेहनत. फिर इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि मंज़िल कितनी दूर या कठिन है.

इन महिलाओं ने साबित किया उम्र है महज़ एक नंबर, बुढ़ापे में भी किया सपनों को साकार
उम्र महज़ एक नंबर है इससे ज़्यादा कुछ नहीं.
नई दिल्ली:

हम सभी की ज़िंदगी में ढेरों ख्वाहिशें होती हैं लेकिन इन ख्वाहिशों को पूरा करने का एक ही जरिया होता है और वो है कड़ी मेहनत. फिर इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि मंज़िल कितनी दूर या कठिन है. कुछ ऐसी ही एक घटना लास वेगास (Las Vegas) की है जहां एक 83 साल की महिला ने अपने मन की सुनी और यह परवाह नहीं की कि समाज उनके बारे में क्या सोचेगा. लास वैगास की डोरी जैक्बसन (Dorrie Jacobson) दुनिया की सबसे उम्रदराज लिंगरी मॉडल (lingerie model) हैं. इंस्टाग्राम (Instagram) पर उनकी एक तस्वीर से ही धूम मच जाती है. इस तरह उन्होंने समाज की रूढ़ियों को तोड़ा.
बीबीसी से अपनी बातचीत में डोरी ने बताया, ''मैं अपनी दादी से बिल्कुल जुदा हूं. मैं उनकी तरह कुर्सी पर बैठे-बैठे बस बुनाई नहीं कर सकती. मैं सबकुछ करने में दिलचस्पी रखती हूं चाहे वह कारोबार चलाना हो, दौड़ना हो, किसी को डेट करना हो या सेक्स करना हो.''

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ऐसी ही कहानी है केरल (Kerala) की भागीरथी अम्मा (Bhageerathi Amma) की जिन्होंने साबित कर दिखाया है कि उम्र महज़ एक नंबर है इससे ज़्यादा कुछ नहीं है. कम उम्र में मां के गुजरने से भागीरथी अम्मा अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सकीं लेकिन पढ़ाने में उनकी दिलचस्पी कम नहीं हुई और ना ही वे इससे नाउम्मीद हुईं. उन्होंने अपने भाई-बहनों की जिम्मेदारी उठाई. हालांकि इसके बावजूद ज़िंदगी में बहुत सी मुश्किलें थी जिनका उनको सामना करना था. यहां तक कि पति की मौत के बावजूद भी उन्होंने अपने छह बच्चों की जिम्मेदारी उठाई.

अम्मा ने अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर दी है. उन्होंने केरल के साक्षरता मिशन ( Kerala State Literacy Mission programme) के तहत चौथे दर्जे की परीक्षा में हिस्सा लिया है. इस तरह इस मिशन में हिस्सा लेनी वाली वे सबसे ज्यादा उम्र की महिला बन गई हैं. साक्षरता मिशन से जुड़े अधिकारी केबी वासंथा का कहना है, ''भले ही अम्मा की उम्र 100 से ऊपर हो लेकिन उनकी देखने, सुनने और याद रखने की क्षमता आज भी प्रखर है.'' उन्होंने बताया, ''अम्मा को लिखने में मुश्किल पेश आती है इसलिए उनकी छोटी बेटी ने उनकी लिखने में मदद की. हालांकि अम्मा ने सफलता पूर्वक पर्यावरण, गणित और मलयालम की परीक्षा तीन दिनों में पूरी कर ली है''.

भागीरथी अम्मा और डोरी जैक्बसन जैसी महिलाएं ही महिलाओं को प्रेरित करती हैं कि वे कठिन परिश्रम करें और अपनी इच्छाओं को पूरा करें. आज के वक्त में हमें इस तरह मिसाल कायम करने वाली महिलाओं की जरूरत है.   

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