Delhi Blast Case: राजधानी दिल्ली में एक बड़ा धमाका हुआ है, लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर एक मूविंग कार में अचानक तेज ब्लास्ट हुआ, जिसकी चपेट में कई गाड़ियां और लोग आए. इस धमाके में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है. फिलहाल साफ नहीं हो पाया है कि ये कोई आतंकी हमला है या फिर कुछ और... फिलहाल एनआईए, एनएसजी और तमाम एजेंसियां मौके पर मौजूद हैं और जांच की जा रही है. इस धमाके ने दिल्ली में हुए सीरियल बम धमाकों की यादें ताजा कर दीं, जब दिल्ली में लगातार तीन जगहों पर ब्लास्ट किए गए थे.
दिवाली से ठीक पहले दहली थी दिल्ली
दिवाली का त्योहार ऐसा होता है, जिससे पहले हर जगह काफी लोगों की भीड़ रहती है. बाजारों में लोग शॉपिंग करने पहुंचते हैं और खुशी खुशी खरीदारी करते हैं. हालांकि 29 अक्टूबर 2005 को ये खुशी कुछ ही देर में मातम में बदल गई. दिल्ली के सबसे व्यस्त इलाकों में से एक पहाड़गंज के मेन मार्केट में भी काफी भीड़ थी, वहीं सरोजिनी नगर में भी हजारों लोग शॉपिंग करने पहुंचे थे. शाम को 5 बजकर 38 मिनट पर पहाड़गंज मार्केट में तेज धमाका हुआ, जिसमें कई लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. ल
दूसरा धमाका
लोग इस खबर को ठीक से समझ पाते कि ठीक आधे घंटे बाद दक्षिणी दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में एक डीटीसी बस में दूसरा धमाका हो गया, हालांकि बस ड्राइवर ने बहादुरी दिखाते हुए बम वाले बैग को बाहर फेंक दिया, जिससे नुकसान कम हुआ और ज्यादा लोगों की मौत नहीं हुई.
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सरोजिनी नगर में तीसरा ब्लास्ट
दो धमाकों के बाद शाम 6 बजकर 5 मिनट पर बिजी मार्केट सरोजिनी नगर में तीसरा और सबसे भयानक ब्लास्ट हुआ. यहां सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई, जो आंकड़ा करीब 50 लोगों का था. इस दौरान आसपास मौजूद लोगों और चीजों के पूरी तरह से परखच्चे उड़ गए थे. इन सीरियल बम धमाकों में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे. बम ब्लास्ट की जिम्मेदारी लश्करे-तैयबा ने ली थी.
2008 में भी हुए सीरियल ब्लास्ट
2005 के बाद 2008 में भी ऐसे ही धमाके दिल्ली के लोगों ने देखे थे. 13 सितंबर 2008 को दिल्ली पुलिस को एक ई-मेल में बताया गया कि पांच मिनट बाद कई हमले होने वाले हैं, पुलिस कुछ समझ पाती कि दिल्ली में धमाके होने शुरू हो गए. एक के बाद एक लगातार पांच धमाके हुए, जिनमें 25 लोगों की मौत हुई और करीब 100 लोग घायल हुए. इन धमाकों की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन ने ली थी.














