BPSC TRE: बिहार पिछले एक साल से राज्यों शिक्षकों की बंपर भर्ती के लिए सुर्खियों में है. बिहार में पिछले छह महीने में केवल राज्य के ही नहीं राज्य के बाहर के भी लाखों युवाओं को सरकारी टीचर की नौकरी मिली है. लेकिन अब इन शिक्षकों की नौकरी खतरे में है. ताजा मामला औरंगाबाद का है, जहां हाईकोर्ट के आदेश पर टीआरई-1 और टीआरई 2 के तहत भर्ती हुए शिक्षकों की नौकरी खतरे में है. इस संबंध में ओरंगाबाद डीपीओ डीपीओ स्थापन की ओर से एक पत्र जारी किया गया है. इस पत्र में जिला के दस शिक्षकों को अयोग्य मानते हुए नौकरी से मुक्त करने का निर्देश दिया गया है.
जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि आप सभी की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के विज्ञापन संख्या 27/ 2023 के आलोक में हुई है, लेकिन आपके द्वारा उपस्थापित शैक्षणिक- प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट हुआ कि आपकी योग्यता विद्यालय अध्यापक के लिए समुचित नहीं है. आप सभी के शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्राप्तांक 60 प्रतिशत से कम रहने पर नियुक्ति हेतु पात्र नहीं होने के कारण स्पष्टीकरण की मांग की गई थी. ज्ञात हो कि किसी भी प्रकार के आरक्षण का लाभ सिर्फ बिहार राज्य के निवासियों को ही देय है. पटना हाईकोर्ट द्वारा निर्गत न्याय निर्णय के उपरांत निदेशक माध्यमिक शिक्षा, बिहार पटना के पत्रांक 1341 दिनांक 15 मई 2024 के द्वारा स्पष्ट किया है कि बिहार राज्य के बाहर के उम्मीदवारों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णांक हेतु 5 प्रतिशत की छूट देय नहीं होगा. आपके शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्राप्तांक 60 प्रतिशत से कम होने के कारण आपकी उम्मीदवारी निरस्त करने योग्य है.
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इन शिक्षकों में गणित विज्ञान को दो, हिंदी के एक, संस्कृत के 1, अंग्रेजी के दो, सामाजिक विज्ञान के तीन शिक्षक हैं. दरअसल बिहार शिक्षा विभाग इन दिनों उन शिक्षकों को बाहर निकालने की कार्रवाई कर रहा है, जो दूसरे राज्य से है और उन्हें सीटीईटी में 60 प्रतिशत से कम अंक मिले है. औरंगाबाद के जिन शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है, उन सभी शिक्षकों को 90 से कम अंक हैं.
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