राजनाथ ने पाकिस्‍तान को बताया 'भिखारी नंबर 1', बोले- वह जहां खड़ा होता है...

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज लेने पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू हो जाती है.

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्‍तान को इशारों ही इशारों में कह दिया 'भिखारी'
श्रीनगर:

'हम जहां खड़े होते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है...' बॉलीवुड एक्‍टर अमिताभ बच्चन का ये काफी फेमस डायलॉग है, जिसे आज भी लोग बोलते हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसी डायलॉग की तर्ज पर पाकिस्‍तान पर तंज कसा है. पाकिस्‍तान ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज की मांग की थी. कश्‍मीर में भारतीय सेना का हौसला बढ़ाने गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू हो जाती है. भारत आज उन देशों की श्रेणी में है, जो आईएमएफ को फंड देते हैं, ताकि आईएमएफ गरीब देशों को कर्ज दे सके. पाकिस्तान की हालत बीते कई सालों से इतनी बुरी हो चुकी है कि वह पहले से ही विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मेहरबानी पर चल रहा है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज लेने पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू हो जाती है. इसी बीच, 'ऑपरेशन सिंदूर' की शानदार सफलता के बाद पहली बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को कश्‍मीर पहुंचे. जहां उनके साथ, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बादामी बाग छावनी में जवानों से मुलाकात की और उनसे बातचीत भी की. रक्षा मंत्री ने जवानों को संबोधित किया और 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर भारतीय सेना की प्रशंसा की.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, 'रही बात पाकिस्तान की, तो उसकी मैं बात ही क्या करूं आपसे. वह देश तो, मांगते-मांगते अपनी जहालत से एक ऐसी हालत में आ गया है कि उसके बारे में यह भी कहा जा सकता है कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन प्रारंभ हो जाती है. अभी आपने सुना ही होगा कि कैसे वह फिर एक बार आईएमएफ के पास कर्ज मांगने गया. जबकि, दूसरी तरफ हमारा देश है. हम आज उन देशों की श्रेणी में आते हैं, जो आईएमएफ को फंड देते हैं, ताकि आईएमएफ गरीब देशों को कर्ज दे सके.'

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उन्होंने कहा कि भारत के बारे में पूरी दुनिया यह बात जानती है कि हमने हमेशा शांति को प्राथमिकता दी है. हम आमतौर पर युद्ध के समर्थक कभी नहीं रहे, लेकिन स्थितियां जब इतनी विकट हो जाएं, जब देश की संप्रभुता पर आक्रमण हो, तो जवाब देना आवश्यक हो जाता है. पूरे देश में हमारी सेनाओं को और हमारे सैनिकों को, एक सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. एक सशक्त राष्ट्र वही होता है, जो अपनी सेनाओं को सम्मान के साथ-साथ आधुनिक हथियार और साजो-सामान भी दे, जिसकी उसे जरूरत है. मुझे गर्व है कि आज सरकार, हमारी सेनाओं के लिए यह सब कर रही है.

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उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' की कामयाबी ने पाकिस्तान में छिपे आतंकी संगठनों और उनके आकाओं को भी यह साफ बता दिया है कि वो कहीं भी अपने आप को महफूज और सुरक्षित न समझें. अब वे भारतीय सेनाओं के निशाने पर हैं. दुनिया जानती है, हमारी सेनाओं का निशाना अचूक है और जब वो निशाना लगाते हैं तो गिनती करने का काम दुश्मनों पर छोड़ देते हैं. आज आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिज्ञा कितनी कठोर है, इसका पता इसी बात से चलता है कि हमने उनके न्यूक्लियर ब्लैकमेल की भी परवाह नहीं की है.

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राजनाथ सिंह ने जोर देते हुए कहा, 'पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे गैर जिम्मेदाराना तरीके से पाकिस्तान द्वारा भारत को अनेक बार एटमी धमकियां दी गईं हैं. आज श्रीनगर की धरती से मैं पूरी दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे गैर जिम्मेदार और बीमार देश के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मैं मानता हूं कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों को आईएईए यानी अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण की निगरानी में लिया जाना चाहिए.'

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