- जयपुर के SMS अस्पताल में आग से अबतक 8 मरीजों की हुई है मौत
- राज्य सरकार ने आग लगने की घटना के जांच का दिया आदेश
- मरीजों के परिजनों ने बताया आग का भयानक मंजर
मेरे मौसी का लड़का था सर.. उसको एक-दो दिन में छुट्टी मिलने वाली थी..इतना कहते-कहते जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल (SMS हॉस्पिटल ) के बाहर खड़े एक मरीज को परिजन का गला भर आया. रविवार की रात इस अस्पताल के आईसीयू में लगी आग ने 8 लोगों की जान ले ली जबकि 5 की हालत गंभीर है. मरीज के परिजनों ने मंजर बयां किया है वो डरावना है. अस्पताल के आईसीयू में आग बुझाने की मशीन तक नहीं थी. मरीजों को उसके हाल पर छोड़ दिया गया. काले धुएं के गुबार में 8 जान चली गई.
'कुछ दिनों में उसे छुट्टी मिलने वाली थी'
अस्पताल के बाहर खड़े एक मरीज के परिजन ओमप्रकाश ने बताया कि मेरी मौसी का लड़का इस अस्पताल में भर्ती था. उसकी उम्र 25 साल थी. शख्स ने बताया कि उसे बस छुट्टी ही मिलने वाली थी कि ये घटना घट गई। शख्स ने बताया कि रात 11 बजकर 20 मिनट पर जो धुआं निकला था उसके बाद मैंने डॉक्टरों को चेतावनी दी थी. उन्होंने बताया कि मैंने कहा कि धुआं निकला है तो मरीजों को दिक्कत हो सकती है. धीरे-धीरे धुआं बढ़ गया. जैसे-जैसे धुआं बढ़ता गया डॉक्टर और कंपाउंडर सब बाहरनिकल गए. फिर अचानक से धुएं का गुबार उठा. इसमें मरीजों को निकालना मुश्किल हो गया. फिर भी चार-5 मरीज निकाले गए. कुछ मरीज अंदर ही रग गए जो बचाए नहीं जा सके. 1,2,3,4 बेड के मरीज खत्म हो गए.
'आग बुझाने के उपकरण नहीं थे'
आग लगने की घटना के बाद अस्पताल के बाहर खड़े नरेंद्र नाम के एक शख्स ने कहा कि वो अपनी मां को यहां लेकर आए हैं. उन्होंने बताया कि वह खाना खाने नीचे आए थे. आईसीयू में आग लगीथी पर किसी ने कुछ बताया नहीं. आईसीयू में आग बुझाने वाली मशीन भी नहीं थी. कोई कुछ करने वाला नहीं था. नरेंद्र ने कहा कि वह अपनी मां का इलाज कराने यहां आए थे।
राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं. जांच के लिए एक कमिटी का गठन भी कर दिया गया है. मेडिकल एजुकेशन विभाग के कमिश्नर इकबाल खान इस आग लगने की घटना की जांच करेंगे. इस जांच में ये पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि आग कैसे लगी है.