अमेजन द्वारा भारत में अपने कुछ कानूनी प्रतिनिधियों के खिलाफ रिश्वत संबंधी आरोपों की जांच की खबरों के बीच अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी ने सोमवार को कहा कि वह अनुचित कार्यों के आरोपों को गंभीरता से लेती है और उचित कार्रवाई करने के लिए उनकी पूरी जांच करती है. कंपनी ने आरोपों की पुष्टि या खंडन किए बिना कहा कि वह "भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करती" है.
‘द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट' की एक खबर के अनुसार, अमेजन ने भारत सरकार के अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत देने के लिए अपने कुछ कानूनी प्रतिनिधियों के खिलाफ जांच शुरू की है. खबरों के मुताबिक इस संबंध में उसने अपने वरिष्ठ कॉरपोरेट वकील को छुट्टी पर भेज दिया है.
संपर्क करने पर अमेजन के एक प्रवक्ता ने कहा: "हम भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते. हम अनुचित कार्यों के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं, उनकी पूरी जांच करते हैं, और उचित कार्रवाई करते हैं. हम इस समय विशिष्ट आरोपों या किसी भी जांच की स्थिति पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं."
इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि अमेजन जैसी अमेरिकी कंपनियां ‘व्हिसलब्लोअर' की शिकायतों को गंभीरता से लेती है. खासकर वे जो कारोबार को बनाए रखने या हासिल करने के लिए विदेशी सरकारी अधिकारियों को रिश्वत के भुगतान से संबंधित हैं. यह कॉरपोरेट प्रशासन नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए भी है.
घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब ई-कॉमर्स कंपनी कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं, विक्रेताओं के तरजीही व्यवहार आदि को लेकर निष्पक्ष व्यापार नियामक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच का सामना कर रही है. इसके अलावा अमेजन का फ्यूचर ग्रुप के साथ कानूनी विवाद भी चल रहा है.
अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि. के बीच 24,713 करोड़ रुपये के प्रस्तावित सौदे को अदालत में चुनौती दी है और फ्यूचर ग्रुप को सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (सिएआईसी) में घसीटा है. उसका कहना है कि फ्यूचर ने उसकी प्रतिद्वंदी कंपनी रिलायंस के साथ समझौता कर उसके साथ पूर्व में किए गए एक करार का उल्लंघन किया है.