तेलंगाना में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी, कांग्रेस का करेगी समर्थन

वाईएसआरटीपी अध्यक्ष ने यहां पत्रकारों से कहा कि उनके दिवंगत पिता राजशेखर रेड्डी ही थे, जो अविभाजित आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को वापस सत्ता में लाए थे. उन्होंने कहा, ‘‘कई साल बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘पदयात्रा’ का कर्नाटक में नतीजा दिखा. अब जब तेलंगाना में इसके परिणाम सामने आने का समय आया है तो कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का हमारा कोई इरादा नहीं है. कांग्रेस नेता उनके लिए बाहरी नहीं हैं.’’

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हैदराबाद: वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) राज्य में 30 नवंबर को होने वाला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी और वह विपक्षी दल कांग्रेस का समर्थन करेगी. वाईएसआरटीपी की अध्यक्ष वाई. एस. शर्मिला ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाई. एस. राजशेखर रेड्डी की बेटी शर्मिला ने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के ‘‘भ्रष्ट एवं जन विरोधी शासन'' के खात्मे के लिए कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा कि जब राज्य में सत्ता परिवर्तन की संभावना है, तो वह सरकार विरोधी वोट को बांटकर बाधा नहीं बनना चाहती हैं. शर्मिला ने कहा कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है और इसलिए वह कांग्रेस के वोट को बांटना नहीं चाहती हैं जिससे सत्तारूढ़ बीआरएस को फायदा पहुंच सकता है.

वाईएसआरटीपी अध्यक्ष ने यहां पत्रकारों से कहा कि उनके दिवंगत पिता राजशेखर रेड्डी ही थे, जो अविभाजित आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को वापस सत्ता में लाए थे. उन्होंने कहा, ‘‘कई साल बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘पदयात्रा' का कर्नाटक में नतीजा दिखा. अब जब तेलंगाना में इसके परिणाम सामने आने का समय आया है तो कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का हमारा कोई इरादा नहीं है. कांग्रेस नेता उनके लिए बाहरी नहीं हैं.''

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने राजशेखर रेड्डी की बेटी के प्रति बहुत स्नेह दिखाया. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी या उसके नेताओं को चोट पहुंचाने का हमारा कोई इरादा नहीं है.'' उन्होंने कहा कि उन्हें डर है कि अगर उन्होंने कांग्रेस के वोट को विभाजित किया और चंद्रशेखर राव फिर से मुख्यमंत्री बने तो ‘‘इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा". शर्मिला ने पहले कांग्रेस आलाकमान से विलय या चुनाव-पूर्व गठबंधन के लिए चर्चा की थी. लेकिन बात नहीं बन पाई.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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