महाराष्ट्र की माहिम पुलिस ने एक चौंकाने वाला मामला दर्ज किया है, जिसमें 31 वर्षीय मोहसिन अली अब्दुल सत्तार कादरी नामक युवक पर धार्मिक आस्था का फायदा उठाकर लाखों का सोना ठगने का आरोप है. पुलिस के अनुसार, आरोपी ने खुद को 'पैगंबर मोहम्मद का वंशज' बताकर और उनके 'केस' (बाल) का दावा कर दो महिलाओं से कुल 145 ग्राम सोने के गहने, जिसकी कीमत लगभग ₹10.15 लाख है, अपने पास जमा करवा लिए और वापस नहीं किए.
कैसे शुरू हुआ मामला?
FIR के मुताबिक, फरियादी अंसार अहमद और उनके भाई इसरार अहमद की मुलाकात आरोपी मोहसिन से 2022 में डोंगरी स्थित हाजी अब्दुल रहमान शाह दरगाह पर हुई. वहीं मोहसिन ने दावा किया कि उसके पास पैगंबर मोहम्मद के सिर का 'केस' एक कांच की डिब्बी में सुरक्षित है. इसरार आरोपी के संपर्क में आया और बातचीत बढ़ती गई.
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ईद मिलाद-उन-नबी पर ‘केस' घर लाया गया
सितंबर 2022 में फरियादी के घर धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मोहसिन 'केस' लेकर आया. उसने घरवालों के सामने दुआ की और डिब्बी को लकड़ी के कपाट में लॉक कर कहा, 'अगर कोई कपाट खोलेगा तो केस राख हो जाएगा. इसे सिर्फ मैं ही संभाल सकता हूं.'
सोने की ठगी की शुरुआत
मोहसिन ने घर की महिलाओं शमा और रहनुमा बानो को समझाया कि 'घोशपाक सरकार का आदेश है, पैगंबर के केस के पास सोना रखने से घर में बरकत होगी और सोने में बढ़ोतरी होगी.' धार्मिक भावनाओं में आकर रहनुमा ने 47.5 ग्राम और शमा ने 97.5 ग्राम सोना आरोपी को सौंप दिया. मोहसिन ने चेतावनी दी कि अगर उन्होंने घर के पुरुषों को बताया तो बड़ा नुकसान होगा.
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केस तो मिले लेकिन सोना हुआ गायब
22 नवंबर 2025 को जब अंसार और इसरार घर पहुंचे तो उन्होंने कपाट खुलवाया. अंदर सिर्फ कांच की डिब्बी और 'केस' था, सोना गायब था. पूछने पर मोहसिन ने कहा कि उसने सोना गिरवी रख दिया है और जल्द लौटा देगा. लेकिन वह अक्टूबर 2022 से ही बहाने बना रहा था.
माहिम पुलिस ने फरियादी की शिकायत पर BNS 316(2) और 318(4) के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और जांच जारी है.














