उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव होना है. हालांकि इसकी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है. लेकिन राजनीतिक दलों ने अपनी गोटियां बिछानी शुरू कर दी हैं. इन उपचुनावों में सबसे अधिक नजर मिल्कीपुर सीट पर लगी हुई है.यहां सपा विधायक अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने के बाद उपचुनाव कराया जाएगा. यह सीट फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है.फैजाबाद में बीजेपी को मिली हार की चर्चा पूरे देश में हुई थी, क्योंकि अयोध्या इसी क्षेत्र के तहत आती है. अब उपचुनाव में दोनों दल मिल्कीपुर को हर हाल में जीतना चाहते हैं. आइए देखते हैं कि क्या है उनकी तैयारी.
मिल्कीपुर के लिए सपा ने कौन से कदम उठाए हैं
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रभारियों की नियुक्ति की. उन्होंने मिल्कीपुर का प्रभारी सांसद अवधेश प्रसाद को बनाया है.वहीं विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव को भी वहां का प्रभारी बनाया गया है. वहीं बीजेपी की ओर से मिल्कीपुर की कमान स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाल रखी है. सपा और बीजेपी की इन तैयारियों को देखते हुए मिल्कीपुर के विधानसभा उपचुनाव के काफी दिलचस्प होने की उम्मीद है.
अवधेश प्रसाद इसी सीट से विधायक रहते हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी सांसद लल्लू सिंह को हराकर सांसद बने हैं.इस दलित बहुल सीट पर अवधेश प्रसाद को प्रभारी बनाकर सपा ने दलित-मुस्लिम और पिछड़ा समीकरण के जरिए अपनी पैठ बनाने की तैयारी की है. माना जा रहा है कि सपा यहां से अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दे सकती है.
मिल्कीपुर के लिए योगी आदित्यनाथ की सक्रियता
वहीं लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद योगी आदित्यनाथ हर हाल में मिल्कीपुर का उपचुनाव जीतना चाहते हैं.इसलिए उन्होंने उपचुनाव की कमान अपने हाथ में ले ली है.सीएम योगी अयोध्या के पड़ोसी अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट की भी जिम्मेदारी ली है. अपनी तैयारियों को मूर्त रूप देने के लिए योगी आदित्यनाथ ने 10 अगस्त को अयोध्या का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने लोगों से मुलाकात की थी.
योगी ने मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले आध्यात्मिक पीठ अशर्फी भवन में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए थे. इसके साथ ही उन्होंने हर घर तिरंगा अभियान भी शुरू किया था. इस तरह योगी आदित्यनाथ ने धर्म और राष्ट्रवाद का दांव चला था.वो फिर अयोध्या जाने वाले हैं. इस दौरे में वो एक नए विश्वविद्यालय की शुरुआत कर सकते हैं. यह मिल्कीपुर के लिए बहुत बड़ा काम होगा.इस बार सीएम अपने पूर्वनिर्धारित कई कार्यक्रम छोड़कर अयोध्या जाने वाले हैं. यह बताता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिल्कीपुर के लिए कितने सक्रिय हैं.
सपा के चुनाव प्रभारी
सपा ने मिल्कीपुर के अलावा पांच और सीटों के लिए भी प्रभारी नियुक्त किए हैं. इसके तहक अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट के लिए महासचिव शिवपाल सिंह यादव, मिर्जापुर की मझवां सीट की जिम्मेदारी सांसद वीरेंद्र सिंह और मैनपुरी की करहल सीट की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री चंद्रदेव यादव को दी गई है.सपा प्रमुख अखिलेश यादव 2022 के विधानसभा चुनाव में करहल से ही विधायक चुने गए थे.वहीं फूलपुर सीट के लिए विधायक व पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज को प्रभारी बनाया गया है. कानपुर नगर की सीसामऊ सीट के लिए विधायक राजेंद्र कुमार प्रभारी बनाए गए हैं.
सपा प्रमुख ने प्रभारियों को बूथ स्तर पर सांगठन को मजबूत बनाने के निर्देश दिए हैं.प्रभारियों को हर बूथ पर पांच सक्रिय युवा कार्यकर्ता तैनात करने को कहा है. ये कार्यकर्ता अपने बूथ में आने वाले घरों में जाकर संविधान और आरक्षण के महत्व को समझाएंगे. विधानसभा प्रभारी इन कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहेंगे.
क्यों कराए जा रहे हैं उपचुनाव
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में नौ विधायकों के सांसद बन जाने और एक विधायक को सजा हो जाने की वजह से ये उपचुनाव कराए जा रहे हैं.सपा के चार विधायकों अखिलेश यादव (करहल), अवधेश प्रसाद (मिल्कीपुर), लालजी वर्मा (कटेहरी) और जियाउर रहमान बर्क (कुंदरकी) की सीटें उनके लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद खाली हुई हैं.वहीं कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी को एक मामले में सजा हो जाने के बाद से खाली हुई है.
वहीं बीजेपी विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि (खैर), अतुल गर्ग (गाजियाबाद) और प्रवीण पटेल (फूलपुर) के लोकसभा सदस्य चुने जाने से उनकी विधानसभा सीटें खाली हुई हैं. मीरापुर विधानसभा सीट पर बीजेपी की सहयोगी रालोद के विधायक चंदन चौहान और मझवां पर निषाद पार्टी के विधायक डॉक्टर विनोद कुमार बिंद के विधायक चुने जाने की वजह से उपचुनाव कराया जाएगा.
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