पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने बुधवार को संसद में मंगलवार को पेश आम बजट (Aam Budget) को 'अपूर्ण' बताते हुए दावा किया कि इसमें सभी चुनौतियों का ध्यान नहीं रखा गया है. उन्होंने विशाल राजकोषीय घाटे के कारण असामान्य रूप से उच्च सरकारी कर्ज, चालू वर्ष में घरेलू बचत 37-38 प्रतिशत से घटकर 31 प्रतिशत रहने के कारण निवेश की दर कम होने पर चिंता जताई. मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स में बजट बाद के विश्लेषण में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि समाज में बढ़ती असमानता अर्थव्यवस्था (Economy) की वृद्धि प्रक्रिया को बाधित करेगी और बेरोजगारी दर बढ़ाएगी.
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सिन्हा ने कहा कि घरेलू मुद्रास्फीति के साथ वैश्विक मुद्रास्फीति ब्याज दर को बढ़ाने के लिए मजबूर करेगी. पश्चिम बंगाल सरकार के सलाहकार और राज्य के पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा ने मंगलवार को दावा किया कि भारत दुनिया का एकमात्र देश है जहां महंगाई के साथ बेरोजगारी भी बढ़ रही है. कार्यक्रम में खेतान एंड कंपनी के वरिष्ठ साझेदार, एन जी खेतान ने कहा कि बेरोजगारी एक बहुत बड़ा मुद्दा है और मनरेगा से इसमें काफी मदद मिलती.
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बजट में मनरेगा परिव्यय को 98,000 करोड़ रुपये से घटाकर 73,000 करोड़ रुपये किया गया है. अर्न्स्ट एंड यंग के प्रबंधन साझेदार, कोलकाता, हरीश अग्रवाल मानना है कि मुद्रास्फीति तीन प्रतिशत के भीतर होनी चाहिए.
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