देश में नहीं कोविड के नए XE वेरिएंट का कोई केस, BMC की पुष्टि को केंद्र सरकार ने बताया गलत

XE Variant in Mumbai: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में COVID के XE संस्करण का पहला मामला पाए जाने की खबर को गलत बताया है और कहा है कि वर्तमान साक्ष्य भारत में COVID के XE संस्करण की उपस्थिति का सुझाव नहीं देते हैं.

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बीएमसी के एक अधिकारी ने दावा किया था कि कोरोना के इस नए संस्करण का केस मुंबई में पाया गया है.
मुंबई:

XE Variant in Mumbai: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में COVID के XE संस्करण का पहला मामला पाए जाने की खबर को गलत बताया है और कहा है कि वर्तमान साक्ष्य भारत में COVID के XE संस्करण की उपस्थिति का सुझाव नहीं देते हैं. दरअसल बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने दावा किया था कि कोरोना के इस नए संस्करण का केस मुंबई में पाया गया है. ये दावा करते हुए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारी ने कहा था कि फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से आई एक महिला में ओमिक्रॉन के इस उप स्वरूप के संक्रमण की पुष्टि हुई. महिला में किसी तरह के लक्षण नहीं थे और वह ठीक हो चुकी है.

उन्होंने बताया कि सीरो सर्वेक्षण के दौरान कोरोना वायरस के कप्पा स्वरूप के एक मामले की भी पुष्टि हुई है. जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला में 11वें बैच के 376 नमूनों के अनुक्रमण में इस परिणाम का पता चला. कप्पा स्वरूप के मामले मुंबई में पहले भी आए थे. सीरो सर्वेक्षण के मुताबिक मुंबई से भेजे गए 230 नमूनों में 228 ओमीक्रोन के थे जबकि एक कप्पा का तथा एक एक्सई स्वरूप का था. 

वहीं इस बयान पर अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ये प्रतिक्रिया आई है. पीआईबी महाराष्ट्र ने एक ट्वीट कर लिखा कि @MoHFW_INDIA ने कहा है कि वर्तमान साक्ष्य नए संस्करण की उपस्थिति का सुझाव नहीं देते हैं. 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जीनोमिक विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से विश्लेषण किया गया. उन्होंने अनुमान लगाया है कि इसका जीनोमिक कंस्टीट्यूशन, 'XE' वेरिएंट की जीनोमिक तस्वीर से मेल नहीं खाता है. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि एक्सई वेरिएंट के लिए जिनका टेस्ट पॉजिटिव आया था, उन्हें कोरोना का टीका लगा हुआ था. वे 50 वर्षीय महिला है, जिसमें कोई अन्य बीमारियां नहीं थीं. महिला में किसी तरह के लक्षण नहीं थे. वे 10 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से आई थी और उनका कोई पूर्व यात्रा इतिहास नहीं था. आगमन पर, उनका टेस्ट नेगेटिव आया था."

बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.2 की तुलना में XE वैरिएंट 10 फीसदी ज्यादा संक्रामक प्रतीत होता है. WHO का कहना है कि वर्तमान में ओमिक्रॉन वैरिएंट के पार्ट के रूप में XE म्यूटेशन को ट्रैक किया जा रहा है. ओमिक्रॉन के लक्षणों में बुखार, गले में खराश, खांसी और सर्दी, त्वचा में जलन शामिल है. 

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