देश की राजधानी दिल्ली में एक दुर्लभ किस्म की चमगादड़ को देखा गया है. दिल्ली के डीडीए यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में 'रॉटन फ्री-टेल्ड बैट' प्रजाति की इस चमगादड़ को देखा गया है. विशेषज्ञों के मुताबिक चमगादड़ की यह प्रजाति आमतौर दुनिया में केवल तीन जगहों पर ही पाई जाती है. इस वजह से ही इसका दिल्ली में मिलना लोगों को हैरान कर रहा है. इस प्रजाती के चमगादड़ को लंबी उड़ान भरने के लिए जाना जाता है.
किस प्रजाती की चमगादड़ मिली है
'रॉटन फ्री-टेल्ड बैट'प्रजाति की यह चमगादड़ पश्चिमी घाट, मेघालय की जैंतिया हिल्स में और कंबोडिया में ही पाई जाती है. दिल्ली में चमगादड़ का मिलना बेहद हैरान कर देने वाला है.पश्चिमी घाट में चमगादड़ की यह प्रजाती प्रजजन करती है.मेघालय की जैंतिया हिल्स में भी इनके प्रजनन की एक छोटी कॉलोनी है.
फैयाज ए खुदसर डीडीए यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के जैव विविधता विशेषज्ञ हैं. उन्होंने मीडिया को बताया कि यह दिल्ली के लिए एक अनोखी बात है,जो हमें यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के गलियारे में घूमते हुए नजर आया. पार्क की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस प्रजाति को जैव विविधता विशेषज्ञ आसानी से पहचान लेते हैं. इसकी पहचान इसके बड़े आकार, बड़े काम और दो रंगों के मखमली फर से होती है. बयान में कहा गया है कि इस प्रजाति की चमगादड़ आम तौर पर मध्यम दर्जे की कॉलोनियों की गुफाओं या अंधेरे स्थानों, नम और थोड़े गर्म स्थानों में रहना पसंदी करती है.
क्या खाती है यह चमगादड़
'रॉटन फ्री-टेल्ड बैट' प्रजाति की यह चमगादड़ कीड़ों को खाती है, इससे कीड़ों की आबादी को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. यह परागण में मदद करती है. साल 2000 तक पश्चिमी घाट में केवल एक ज्ञात कॉलोनी होने की वजह से इसे लुप्तप्राय प्रजाती माना जाता था. बाद में तीन अलग-अलग इलाकों में इसकी छोटी-बड़ी कॉलोनियों का पता चला. इससे संदंधित आंकड़ों की कमी की वजह से चमगादड़ की प्रजाति को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) की रेड लिस्ट में डाल दिया गया था.
इस प्रजाती के चमगादड़ को उसकी तगड़ी और लंबी उड़ान के लिए जाना जाता है. दिल्ली में इसका मिलना भी काफी महत्वपूर्ण है.इसके साथ ही दिल्ली में मिलने वाली चमगादड़ों की प्रजातियों की संख्या 15 हो गई है.
दिल्ली की जैव विविधता कैसी है
पार्क की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए दो दशकों से किए जा रहे प्रयासों ने बहुत विशिष्ट क्षेत्रों की स्थापना में बड़ा योगदान दिया है. इसमें यह भी कहा गया है कि डीडीए का अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क जंगल दिल्ली बेलीथ हॉर्सशू प्रजाती के चमगादड़ का आश्रय स्थल बन गया है. इस प्रजाती का कोई दूसरा आश्रय अभी तक कहीं और नहीं पता है.
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