Women's Reservation Bill पर बुधवार को लोकसभा में चल रही बहस के बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने आरोप लगाया कि 2012 में प्रमोशन में कोटा पर बहस के दौरान कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी ने समाजवादी पार्टी के एक सदस्य का कॉलर पकड़ने की कोशिश की थी. नारी शक्ति वंदन बिल पर बीजेपी सांसद ने लोकसभा में सत्ता पक्ष की ओर से बहस की शुरुआत की. इसे लेकर विपक्षी सांसदों ने विरोध जताया और मांग की महिला सांसद को बीजेपी की ओर से बहस का नेतृत्व करना चाहिए था. इस पर अमित शाह ने तुरंत कहा कि पुरुष महिलाओं से संबंधित मुद्दे क्यों नहीं उठा सकते?
विपक्षी गठबंधन INDIA पर कटाक्ष करते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि जब तत्कालीन यूपीए सरकार 2011 में लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक लेकर आई थी तब कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा के वेल में अपने सहयोगियों की पिटाई की थी और प्रमोशन में आरक्षण बिल को लेकर 2012 में हुई चर्चा का उल्लेख भी किया.
"सोनिया गांधी ने यशवीर सिंह का कॉलर पकड़ने की कोशिश की थी"
निशिकांत दुबे ने कहा कि जब में प्रमोशन में आरक्षण विधेयक के बारे में बताऊंगा तो इन बेंचों में मौजूद सभी लोग खड़े हो जाएंगे. उस समय कांग्रेस के मंत्री वी नारायणसामी विधेयक पेश कर रहे थे. सपा के यशवीर सिंह अनुसूचित जाति के सांसद थे. ये लोग अनुसूचित जाति और जनजाति की बात करते हैं.... यशवीर सिंह ने नारायणसामी से बिल खींच लिया था. इस लोकसभा में सोनिया गांधी ने उनका (यशवीर सिंह) का कॉलर पकड़ने की कोशिश की थी. मैंने तब कहा था कि आप तानाशाह नहीं हैं, आप रानी नहीं हैं, आप ऐसे नहीं कर सकती. उन्होंने आगे बताया कि मुलायम सिंह यादव ने तब कहा था कि अगर बीजेपी हस्तक्षेप न करती तो उनकी पार्टी के सांसद नहीं बच पाते. आपने सांसदों की हत्या की कोशिश की थी. अब आप गठबंधन में एक साथ आ गए हैं.
2012 में क्या हुआ था?
2012 की समाचार रिपोर्टों में लोकसभा में हंगामें के दौरान जब यशवीर सिंह ने नारायणसामी से कागजात छीन लिए थे तो सोनिया गांधी ने कथित तौर पर यशवीर सिंह को पकड़कर पूछा था, ''तुम क्या कर रहे हो". सोनिया गांधी ने उस दौरान यशवीर सिंह से कागजात वापस लेने के प्रयास भी किए थे. समाजवादी पार्टी के तत्कालीन प्रमुख दिवंगत मुलायम सिंह यादव ने उस समय सांसदों पर हुए हमले की निंदा की थी.
बीजेपी ने वामपंथी नेता को दिया श्रेय
बीजेपी सांसद दुबे ने सोनिया गांधी पर हमला करते हुए कहा कि महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में सबसे ज्यादा बोलने वाली दो महिलाएं बंगाल की गीता मुखर्जी और बीजेपी की सुषमा स्वराज थीं. हम उनके बिना इस तारीख को नहीं देख सकते थे. लेकिन सोनिया जी ने उनका जिक्र नहीं किया. यह किस तरह की राजनीति है? बताते चलें कि मुखर्जी 1980 से 2000 के बीच बंगाल के पंसकुरा से सात बार सीपीआई की सांसद रहीं थी.
शरद यादव की "छोटे बाल" वाली टिप्पणी पर दी प्रतिक्रिया
दुबे ने महिला आरक्षण विधेयक पर अनुभवी राजनेता दिवंगत शरद यादव की एक टिप्पणी का जिक्र किया, जिसने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था. महिला आरक्षण विधेयक पहली बार 1996 में एचडी देवेगौड़ा सरकार द्वारा संसद में पेश किया गया था. अगले वर्ष, कानून पर चर्चा के दौरान, यादव ने इस कदम का विरोध किया था. अपने भाषण के दौरान, उन्होंने टिप्पणी की थी कि विधेयक केवल "छोटे बाल वाली महिलाओं" को सशक्त बनाएगा - जो शिक्षित और आधुनिक महिलाओं के लिए एक तंज था.
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