मणिपुर में कैमरे में कैद महिलाओं को नग्न घुमाने की घटना : क्यों और कैसे हुआ था यह हमला?

मणिपुर में 3 मई को इंटरनेट बंद कर दिया गया था, घटना का वीडियो गुरुवार को सामने आया और तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
सूत्रों का कहना है कि दो पीड़ित दो महिलाएं उस छोटे समूह का हिस्सा थीं जो बचने के लिए जंगल में भाग गया था.
इंफाल:

मई की शुरुआत में राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया गया था. इन महिलाओं को भीड़ पुलिस सुरक्षा से खींचकर ले गई थी. कल वायरल हुए इस घटना के वीडियो को लेकर आक्रोश और दहशत का माहौल है. सूत्रों ने आज यह जानकारी दी. पीड़ित महिलाओं में से एक के किशोर भाई की उसी दिन कथित तौर पर उसी भीड़ ने हत्या कर दी थी. इस जघन्य कृत्य का कारण कथित तौर पर एक फर्जी वीडियो था.

मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग को लेकर 3 मई को मैतेई समुदाय और कुकी जनजाति के बीच हिंसा भड़क उठी. पहाड़ी क्षेत्रों में आदिवासी एकजुटता रैली के तुरंत बाद झड़पें शुरू हो गईं.

पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों महिलाएं एक छोटे समूह का हिस्सा थीं, जो 4 मई को पहाड़ियों और घाटी के इन दोनों जातीय समुदायों के बीच हमलों और जवाबी हमलों का सिलसिला शुरू होने पर बचने के लिए एक जंगली इलाके में भाग गई थीं. 

एक भीड़ इन अफवाहों पर (जो झूठी मानी जाती हैं ) आक्रोशित हो गई कि उनके समुदाय की महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया. इस भीड़ ने कथित तौर पर एक गांव पर छापा मारा और उस ग्रुप का पीछा किया जिसमें दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं. इनमें से तीन लोग एक 56 वर्षीय व्यक्ति, उसका 19 वर्षीय बेटा और 21 वर्षीय बेटी एक ही परिवार से थे. उनके साथ दो महिलाएं और थीं जिसमें एक 42 साल की और दूसरी 52 साल की थी.

एफआईआर के मुताबिक, जंगल की ओर जा रहे इन लोगों को नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन की एक पुलिस टीम मिली.

पुलिस स्टेशन से लगभग दो किलोमीटर दूर पुलिसकर्मियों के साथ-साथ इस ग्रुप पर कथित तौर पर लगभग 800 से 1,000 लोगों की भीड़ ने हमला किया. भीड़ ने कथित तौर पर इस ग्रुप को पुलिस से छीन लिया. 

भीड़ के हमले में कथित तौर पर 19 वर्षीय व्यक्ति की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. वह अपनी 21 वर्षीय बहन को भीड़ से बचाने की कोशिश कर रहा था.

Advertisement

महिलाओं के रिश्तेदारों की ओर से पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत से पता चलता है कि उनमें से एक महिला के साथ गैंग रेप किया गया था. पुलिस ने कहा कि शिकायत के आधार पर 18 मई को जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी. मामला 21 मई को नोगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया. इसी पुलिस स्टेशन के क्षेत्र में यह घटना हुई थी.

मणिपुर में 3 मई से इंटरनेट बंद कर दिया गया था. यह वीडियो गुरुवार को सामने आया और तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसको लेकर सामने आई पोस्टों में आक्रोश व्यक्त किया गया है.

Advertisement

वीडियो वायरल होने के एक दिन बाद, भीड़ में शामिल एक व्यक्ति हेराडास को घटना के दो महीने से अधिक समय बाद आज गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने कहा कि 32 वर्षीय व्यक्ति को वीडियो में हरे रंग की टी-शर्ट में देखा गया था.

पुलिस फेसयल रिकग्नीशन टेक्नालॉजी के जरिए वीडियो में दिख रहे अन्य आरोपियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है. पुलिस ने कहा कि लगभग एक दर्जन टीमें इस केस की जांच के लिए काम कर रही हैं. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि 77 दिनों तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. 

Advertisement

कार्रवाई में देरी पर सरकारी सूत्रों ने कहा, "स्थिति कठिन थी और शुरुआती ध्यान संकट प्रबंधन और राहत पर था."

Featured Video Of The Day
Syed Suhail: बंपर जीत, कौन बनेगा CM? Delhi Blast| Bharat Ki Baat Batata Hoon | Bihar Election Result