क्या पार्टी की नाराजगी के बावजूद आज अनशन पर बैठेंगे सचिन पायलट ? 

सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर राजस्थान में बीजेपी शासन के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने में विफल रहने का आरोप लगाया है. साथ ही कार्रवाई का दबाव बनाने के लिए एक दिन के अनशन की घोषणा की है.

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पायलट के प्रस्तावित धरने पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक है. एक ओर जहां दूसरी पार्टियों ने गोलबंद होना शुरू कर दिया. दूसरी ओर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अनशन पर बैठने का फैसला किया है. उन्होंने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर राजस्थान में बीजेपी शासन के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने में विफल रहने का आरोप लगाया था और कार्रवाई का दबाव बनाने के लिए एक दिन के अनशन की घोषणा की थी.

गहलोत के खिलाफ नया मोर्चा खोलने के पूर्व उपमुख्यमंत्री के इस कदम को साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले नेतृत्व के मुद्दे को हल करने के लिए आलाकमान पर दबाव बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

हालांकि, पायलट के प्रस्तावित धरने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि उसकी मौजूदा सरकार के खिलाफ ऐसे किसी भी विरोध प्रदर्शन को पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाएगा. 

कांग्रेस के राजस्थान मामलों के प्रभारी महासचिव सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि उन्होंने पायलट से बात की है और उनसे अपनी ही सरकार के खिलाफ जनता के बीच जाने के बजाय पार्टी के मंच पर मुद्दों को उठाने के लिए कहा है.

जाट ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल लोगों को यह सोचना चाहिए कि पार्टी आलाकमान ने गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दीवार बनाते हैं लेकिन एक व्यक्ति अपने गलत बयानों से उसे तोड़ देता है.

जाट ने संवाददाताओं से कहा, 'इसका क्या मतलब है? पार्टी कार्यकर्ताओं को सोचना है कि वे ऐसे लोगों को समर्थन न दें ताकि कांग्रेस चुनाव जीते. ऐसा करने से हम आगे बढ़ पाएंगे.''

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जाट ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने बेहतरीन बजट पेश किया और राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा' को राजस्थान में जबरदस्त समर्थन मिला और जब इन बातों को आगे बढ़ाया जाएगा तभी पार्टी चुनाव जीत पाएगी. पायलट खेमे के अनुसार, पायलट का समर्थन करने वाले विधायकों और मंत्रियों को मंगलवार को पायलट के साथ अनशन पर नहीं बैठने को कहा गया है.

पायलट के वफादार विधायक वेद सोलंकी ने एक समाचार चैनल से कहा कि पायलट ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है और कई विधायक उनके साथ हैं, लेकिन उनसे अनशन स्थल पर नहीं आने को कहा गया है. 

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