सिखों की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee) भले ही यूनिफॉर्म सिविल कोड (uniform civil code) का विरोध कर रही हो, लेकिन पंजाब के बाद सबसे ज्यादा संख्या में सिख दिल्ली में रहते हैं. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने फिलहाल यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध ना करने का फैसला किया है. इस मुद्दे पर कमेटी ने आज एक अहम बैठक बुलाई थी, जिसके बाद यह फैसला किया गया है. हमारे संवाददाता शरद शर्मा ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका से बात की.
हरमीत सिंह कालका ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में कहा कि आज के कॉन्क्लेव में 13 राज्यों के लोगों ने अपनी बात रखी है. इसमें पूर्व जज, इंटेलेक्चुअल और आईएएस ऑफिसर शामिल थे. सब ने एक ही बात कही कि अभी तक यूसीसी को लेकर कोई ड्रॉफ्ट सामने नहीं आया है और हमने बिना मतलब इसका विरोध करना शुरू कर दिया है, यह सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि हमने 11 सदस्य समिति बनाने का फैसला किया है, जो सरकार के सामने अपनी बात रखेगी कि सिखों के अधिकारों पर कोई आंच नहीं आनी चाहिए.
साथ ही कालका ने कहा कि एसजीपीसी ने यूसीसी का विरोध किया है, लेकिन उनको बताना चाहिए कि वह किस चीज का विरोध कर रहे हैं? क्या एसजीपीसी के पास ड्राफ्ट आ गया है?
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एसजीपीसी की जिम्मेदारी थी कि वह इस मुद्दे पर सबको इकट्ठा करे और उनसे बात करे, लेकिन उन्होंने यह जिम्मेदारी नहीं निभाई.
उन्होंने बताया कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने फैसला किया है कि ना हम इसके विरोध में हैं और ना ही हम इसके पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि अभी हम इसका विरोध नहीं करेंगे, क्योंकि कोई ड्रॉफ्ट ही हमारे सामने नहीं आया है.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का ड्राफ्ट तैयार बताया जा रहा है, लेकिन अभी तक वह हमारे सामने नहीं आया है. उत्तराखंड से जो प्रतिनिधि आए थे उन्होंने भी ऐसा कुछ नहीं बताया जो ड्राफ्ट के हिसाब से आपत्तिजनक हो.
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