PM नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा क्यों पिछली यात्राओं के मुकाबले खास है...

राजकीय दौरे बेहद दुर्लभ और सम्मानजनक होते हैं, और इन्हें दोस्ताना द्विपक्षीय संबंधों की सर्वोच्च अभिव्यक्ति के रूप में देखा जाता है. राजकीय यात्रा किसी राज्य प्रमुख द्वारा अपने आधिकारिक आवास पर आने के लिए दिया गया निमंत्रण होता है, और ऐसा केवल करीबी सहयोगियों को ही दिया जाता है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका की राजकीय यात्रा का आमंत्रण दोनों देशों के बीच गहरी और घनिष्ठ साझेदारी का संकेत है...
नई दिल्ली:

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क कहा जाने वाला अमेरिका 22 जून को रेड कारपेट बिछाएगा, और इसी के साथ PM मोदी दुनिया के तीसरे नेता बन जाएंगे, जिन्हें मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यह सम्मान दिया. जो बाइडेन ने इससे पहले फ्रांस के इमानुएल मैक्रॉन और दक्षिण कोरिया के यून सुक येओल को ही राजकीय यात्रा और भोज के लिए आमंत्रित किया है. अमेरिका की ओर से यह सर्वोच्च राजनयिक स्वागत आमतौर पर केवल निकटतम सहयोगियों को ही दिया जाता है.

जो बाइडेन प्रशासन द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजकीय यात्रा का आमंत्रण दोनों देशों के बीच गहरी और घनिष्ठ साझेदारी का संकेत है. प्रधानमंत्री के रूप में अपने नौ वर्ष के कार्यकाल के दौरान नरेंद्र मोदी की अमेरिका की यह पहली राजकीय यात्रा होगी. इससे पहले, अमेरिका की राजकीय यात्रा पर जाने वाले अंतिम भारतीय प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह थे, जो नवंबर, 2009 में अमेरिका गए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली अमेरिका यात्राओं को वर्किंग विज़िट (2014), वर्किंग लंच (2016) और आधिकारिक वर्किंग विज़िट (2017) बताया गया था. वर्ष 2019 की उनकी यात्रा को अमेरिकी विदेश विभाग की वेबसाइट में ऐसी यात्रा बताया गया है, जिसमें उन्होंने "ह्यूस्टन, टेक्सास में एक रैली में भाग लिया..."

अमेरिका द्वारा भारत को ऐसा सम्मान देना दिखाता है कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के लिए मज़बूत प्रतिकारी बल विकसित करने के अमेरिकी प्रयास के लिए भारत कितना महत्वपूर्ण है.

राजकीय दौरे बेहद दुर्लभ और सम्मानजनक होते हैं, और इन्हें दोस्ताना द्विपक्षीय संबंधों की सर्वोच्च अभिव्यक्ति के रूप में देखा जाता है. राजकीय यात्रा किसी राज्य प्रमुख द्वारा अपने आधिकारिक आवास पर आने के लिए दिया गया निमंत्रण होता है, और ऐसा केवल करीबी सहयोगियों को ही दिया जाता है.

अमेरिका की कूटनीतिक नीतियों के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति अपने चार साल के कार्यकाल में किसी भी देश के एक ही नेता की एक ही बार मेज़बानी कर सकता है. राजकीय यात्राओं में आमतौर पर बहुत धूमधाम होती है, कई समारोह होते हैं. व्हाइट हाउस राजकीय यात्राओं के लिए व्यापक तैयारियां किया करता है.

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राजनयिक प्रोटोकॉल के अनुसार आधिकारिक विज़िट, आधिकारिक वर्किंग विज़िट या सरकारी अतिथि के तौर पर यात्रा के मुकाबले राजकीय यात्रा सर्वोच्च स्तर की यात्रा मानी जाती है.

वर्ष 1961 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी और प्रथम महिला जैकलीन कैनेडी ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के लिए पहले राजकीय रात्रिभोज की मेज़बानी की थी. उसके बाद वर्ष 1963 में तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन राजकीय यात्रा पर अमेरिका गए थे.

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क्या होता है राजकीय यात्रा पर...?
राजकीय यात्रा के दौरान आमतौर पर फ्लाइट लाइन समारोह आयोजित होता है, जिसके तहत आने वाले राज्य प्रमुख का अमेरिकी धरती पर लैंड करते ही टरमैक पर ही स्वागत किया जाता है, व्हाइट हाउस पहुंचने पर 21 तोपों की सलामी दी जाती है, व्हाइट हाउस में रात्रिभोज आयोजित किया जाता है, राजनयिक उपहारों का आदान-प्रदान होता है, अमेरिकी राष्ट्रपति के पेन्सिलवेनिया एवेन्यू में स्थित गेस्टहाउस में ठहरने का आमंत्रण दिया जाता है, और फ्लैग स्ट्रीटलाइनिंग की जाती है.

आमतौर पर राजकीय यात्राओं पर केवल राज्य प्रमुख को आमंत्रित किया जाता है. भारत जैसे संसदीय लोकतंत्रों के मामले में सरकार प्रमुख को आमंत्रित किया जाता है.

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अतिथि राज्य प्रमुख के स्वागत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ चुनिंदा राजनेता भी होते हैं, जिनमें राष्ट्रपति के मंत्रिमंडल सदस्य और संसद के प्रमुख सदस्य भी मौजूद रहते हैं.

परम्परागत रूप से राजकीय रात्रिभोज व्हाइट हाउस के स्टेट डाइनिंग रूम में आयोजित किए जाते रहे हैं, लेकिन हाल के राष्ट्रपतियों ने अधिक मेहमानों को शामिल करने और कार्यक्रम को अधिक भव्य बनाने के लिए व्हाइट हाउस के लॉन में भोज की मेज़बानी की है, जिनमें 100-120 मेहमान मौजूद हो सकते हैं.

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