एक बार फिर, नेपाल के काठमांडू में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (TIA) के रनवे पर एक विमान क्रैश हो गया. इस विमान क्रैश में 18 लोगों की मौत हो गई. आज की दुर्घटना से पहले नेपाल में 2000 के बाद से 19 दुर्घटनाओं में लगभग 360 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन नेपाल में सबसे भीषण विमान हादसा साल 1992 में हुआ था, जिसमें 167 लोगों की मौत हो गई थी. साल 1992 पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के एक विमान ने काठमांडू में उतरने की कोशिश की थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका और हादसा हो गया. त्रिभुवन एयरपोर्ट पर विमान क्रैश की एक लंबी लिस्ट है. आखिर, त्रिभुवन एयरपोर्ट पर इतने विमान क्रैश क्यों होते हैं? क्या त्रिभुवन एयरपोर्ट एयरपोर्ट के रनवे में कोई दिक्कत है..?
हिमालय पर्वत श्रृंखला से घिरा है त्रिभुवन एयरपोर्ट
नेपाल अपने खूबसूरत पहाड़ों और वादियों के लिए जाना जाता है. यही, पहाडि़यां त्रिभुवन एयरपोर्ट के आड़े आती हैं. त्रिभुवन हवाई अड्डे को नेविगेट करने के लिए दुनिया के सबसे कठिन हवाई अड्डों में से एक माना जाता है. दरअसल, हवाई अड्डे और इसकी भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि विमान दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है. त्रिभुवन एयरपोर्ट मध्य नेपाल में काठमांडू घाटी में स्थित है, जो सभी तरफ से हिमालय पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है. यहां से हिमालय कई किलोमीटर दूर स्थित है, लेकिन उनकी निकटता हवा की दिशा और तीव्रता स्थानीय मौसम को काफी प्रभावित करती है. हिमालय से आने वाली हवाओं के कारण यहां कभी भी मौसम बदल जाता है. यह हवाएं विमान की लैंडिंग या टेकऑफ़ को भी प्रभावित करती है.
सिर्फ 1 ही रनवे, वो भी 'छोटा'
त्रिभुवन एयरपोर्ट के पास केवल एक ही रनवे है. ऐसे में हवाई यातायात को प्रबंधित करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही इस हवाई अड्डे की लंबाई भी चिंता का विषय है. इसकी लंबाई अन्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की तुलना में कम है. त्रिभुवन एयरपोर्ट का हवाई अड्डा लगभग 3,000 मीटर लंबा है, जबकि अन्य समान हवाई अड्डों के रनवे लगभग 3,500 मीटर लंबे हैं. रनवे का स्थान भी अधिक ऊंचाई पर है, जिसकी वजह से यहां विमानों उड़ान भरने और उतरने में अधिक समय लगता है. इसलिए अच्छे और अनुभवी पायलटों को ही नेपाल के त्रिभुवन एयरपोर्ट पर विमान उड़ाने की इजाजत दी जाती है.
नेपाल के बड़े विमान हादसे
- 28 सितंबर 1992- पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन का विमान एयरबस A300 लैंडिंग के वक्त क्रैश हो गया था. इस विमान में क्रू मेंमर समेत 167 लोग सवार थे. ये सभी प्लेन क्रैश में मारे गए थे. नेपाल के इतिहास में ये बड़ी विमान दुघर्टनाओं में से एक है.
- 4 मार्च 2015- तुर्की एयरलाइंस का एक विमान घने कोहरे के बीच नेपाल में क्रैश-लैंडिंग के बाद रनवे पर देखा गया. 238 लोगों को ले जा रहा एयरबस A330, काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रनवे से आगे निकल गया था. दुर्घटना में कोई भी यात्री गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ था.
- 12 मार्च 2018- 71 यात्रियों और चालक दल को ले जा रहा एक विमान नेपाल के काठमांडू हवाई अड्डे पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 49 लोगों की मौत हो गई थी. इसके लिए एयरलाइन ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को दोषी ठहराया था. हालांकि, हवाईअड्डे का कहना था कि विमान गलत दिशा से आया था.
- 28 अगस्त 2018- नेपाल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक विमान दुर्घटना हो गया, जिसमें 51 लोगों की मौत हो गई. ऐसा बताया गया कि विमान का कैप्टन इमोशनली डिस्टर्ब था. जांचकर्ताओं ने कहा कि कैप्टन आबिद सुल्तान उड़ान के दौरान रो पड़े, क्योंकि एक सहकर्मी ने उनकी कुशलता पर सवाल उठाए थे.
- 5 जनवरी, 2023: यति एयरलाइंस का एटीआर72 विमान पोखरा के पास एक खाई में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार सभी 72 लोगों की मौत हो गई थी.
नेपाल के राजा थे त्रिभुवन...
त्रिभुवन एयरपोर्ट का नाम त्रिभुवन वीर बिक्रम शाह देव के नाम पर रखा गया है. वह नेपाल के राजा थे, जिन्होंने 1950 से 1955 तक शासन किया था. हवाई अड्डे का उद्घाटन 1954 में हुआ था और तब से यह नेपाल के लिए मुख्य प्रवेश द्वार रहा है. यह देश के राष्ट्रीय वाहक नेपाल एयरलाइंस और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों का घर है. त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के दो टर्मिनल हैं, एक घरेलू और एक अंतरराष्ट्रीय.
ये भी पढ़ें :- वो आखिरी कुछ सेकंड... नेपाल में कैसे हुआ प्लेन क्रैश? 2 खौफनाक वीडियो में देखिए