La Nina: दिवाली से पहले दिल्‍ली में पड़ रही गुलाबी सर्दी स‍िर्फ ट्रेलर, अभी तो पूरी पिक्‍चर बाकी!  

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के विशेषज्ञों के अनुसार, ला नीना की वजह से भारत के कई हिस्सों में, खासकर उत्तरी राज्यों में, इस बार सर्दियां ज्‍यादा ठंडी हो सकती हैं.

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  • इस वर्ष भारत में सर्दियों का मौसम सामान्य से पहले शुरू होगा और तापमान रिकॉर्ड तोड़ने वाली ठंडक दर्ज करेगा.
  • हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में पहले ही बर्फबारी हुई है और मैदानी हिस्सों में तापमान में गिरावट आई है.
  • ला नीना के कारण प्रशांत महासागर के तापमान में गिरावट से भारत में ठंड बढ़ेगी और बारिश सामान्य से अधिक होगी.
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नई दिल्‍ली:

भारत में इस साल सर्दियों का मौसम सामान्य समय से पहले आने की संभावना है. मौस‍म विज्ञानियों का कहना है किइस बार की सर्दियां सारे रिकॉर्ड तोड़ने वाली हैं. पिछले तीन दिनों से दिल्‍ली में तापमान 20 डिग्री से नीचे बना हुआ है. हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊंचे क्षेत्रों में पहले ही बर्फबारी हो चुकी है. उत्तरी मैदानी हिस्सों में भी हाल के दिनों में तापमान में अचानक गिरावट दर्ज की गई है. श्रीनगर में पिछले हफ्ते ही सामान्य समय से पहले बर्फबारी हुई. जबकि जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों में भी मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई, जिससे ठंडक और बढ़ गई है. आखिर इस बार ऐसा क्‍या होने वाला है कि ठंड सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी? तो जवाब है ला नीना.  

हिमाचल में जारी बर्फबारी 

हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में पूरे सप्ताह बर्फबारी जारी रही जबकि राज्य के निचले हिस्सों में बारिश होती रही. इसके परिणामस्वरूप हिमाचल और पंजाब दोनों में तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई. विशेषज्ञों का कहना है कि जो मौसम अभी चल रहा है, वह जारी रहने वाला है.  आने वाले दिनों के मौसमी रुझान ‘ला नीना' परिस्थितियों के विकसित होने से जुड़े हैं. इसमें प्रशांत महासागर के मध्य और पूर्वी हिस्सों में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से ठंडा हो जाता है. 

ला नीना लाएगा जल्‍दी ठंड 

ला नीना, जलवायु संबंधी एक बड़ी घटना एल नीनो साउदर्न ऑसिलेशन (ENSO) का एक फेज है. यह प्रशांत महासागर के मध्य और पूर्वी उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में समुद्र के तापमान में होने वाले बदलावों से संबंधित है जिसके साथ वायुमंडल में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं.  यह ENSO घटना ग्‍लोबल एटमॉसफेरिक सर्कुलेशन (वायुमंडलीय परिसंचरण) को प्रभावित करती है, जो आगे चलकर किसी दिन या मौसम के तापमान और स्थितियों पर असर डालती है.  

क्‍या है ला नीना  

ENSO के तीन चरण होते हैं – गर्म (El Nino), ठंडा (La Nina) और neutral (संतुलित). ये तीनों चरण अनियमित रूप से हर दो से सात वर्षों के बीच आते हैं. ला नीना के दौरान हवाएं सामान्य से ज्‍यादा तेज हो जाती हैं. प्रशांत महासागर के पश्चिमी हिस्से की ओर बड़ी मात्रा में पानी को धकेलती हैं. इससे वह क्षेत्र अधिक गर्म हो जाता है. इसकी वजह से पृथ्वी के पूर्वी हिस्से में, जहां भारत स्थित है, तापमान में गिरावट आती है. इसका मतलब यही है बारिश में इजाफा होता है और तापमान कम हो जाता है. 

तो इस वजह से पड़ेगी ठंड 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के विशेषज्ञों के अनुसार, ला नीना की वजह से भारत के कई हिस्सों में, खासकर उत्तरी राज्यों में, इस बार सर्दियां ज्‍यादा ठंडी हो सकती हैं. इसका मतलब है कि पहाड़ी इलाकों में अधिक बर्फबारी और ठंड की लहरें देखने को मिल सकती हैं. आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, अक्टूबर महीने में देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से ज्‍यादा बारिश होने की आशंका है. इस दौरान औसत 75.4 मिमी की तुलना में लगभग 115 प्रतिशत तक बारिश दर्ज की जा सकती है. 

मॉनसून और दिल्ली का मौसम

अक्टूबर से दिसंबर तक चलने वाला पूर्वोत्तर मानसून इस साल सामान्य से अधिक सक्रिय रहने की संभावना है. तमिलनाडु, केरल, तटीय आंध्र प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में सामान्य से करीब 112 प्रतिशत तक अधिक वर्षा हो सकती है. दिल्ली में तापमान गिरने के साथ-साथ वायु प्रदूषण का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. राष्‍ट्रीय राजधानी की एयर क्‍वालिटी 'मॉडरेट' श्रेणी में दर्ज की गई है.

आईएमडी के अनुसार, दिल्ली का न्यूनतम तापमान 19.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.4 डिग्री कम है. शनिवार को न्यूनतम तापमान 19.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि शुक्रवार को इस मौसम (2025-26) में पहली बार तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंचा, जब न्यूनतम तापमान 18.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. सुबह 9 बजे दिल्ली का एक्‍यूआई 162 रहा, जो 'मॉडरेट' श्रेणी में आता है. यह शनिवार को दर्ज किए गए 24 घंटे के औसत AQI 199 की तुलना में थोड़ी सुधार की स्थिति है. 

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