दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में क्यों हो रही है बेमौसम बारिश? यह है कारण

उत्तर-पश्चिम भारत में पश्चिमी विक्षोभ के कारण पिछले सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी सहित क्षेत्र के कई हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि हुई

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दिल्ली में रुक-रुककर बारिश की फुहारों का सिलसिला जारी है.
नई दिल्ली:

दिल्ली में बुधवार को बारिश से तरबतर शाम के बाद आज आंधी के साथ बारिश का एक और दौर आया. मौसम विभाग ने बेमौसम बारिश का कारण पश्चिमी विक्षोभ बताया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, "पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर पश्चिम भारत में पर्याप्त नमी आ गई है और पिछले कुछ दिनों में तापमान भी बढ़ा है. इसलिए इस तरह की गतिविधि के लिए स्थितियां अनुकूल हैं."

भारत मौसम विज्ञान विभाग के बुलेटिन के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 17.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.

दिल्ली में शनिवार को 24 घंटे में 12.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जो कि तीन साल में मार्च में एक दिन में सबसे ज्यादा बारिश है.

उत्तर-पश्चिम भारत में पश्चिमी विक्षोभ के कारण पिछले सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी सहित क्षेत्र के कई हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि हुई थी.

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आईएमडी के वैज्ञानिक डॉ नरेश ने एएनआई को बताया, "कल की बारिश पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई थी. आने वाले दो दिनों में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र सहित उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश, आंधी और ओलावृष्टि की संभावना है. पूरे भारत में तापमान सामान्य है और कोई अब तक हीटवेव जैसी कोई संभावना नहीं है." 

पश्चिमी विक्षोभ को भूमध्य सागर में पैदा होने वाले एक अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफान के रूप में पहचाना गया है. इससे कम दबाव का क्षेत्र बना जिससे अचानक बारिश, बर्फबारी और कोहरा जैसी स्थितियां बनीं. इन हालात में निचले इलाकों में मध्यम से भारी बारिश होती है. भारत की सालाना वर्षा का लगभग 5 से 10 प्रतिशत पश्चिमी विक्षोभ का परिणाम माना जाता है.

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जहां बारिश को कारण तापमान गिरने से गर्मी में देरी कर रही है, वहीं बेमौसम बारिश ने पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश सहित भारत के उत्तरी और मध्य भागों में खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है. 

पिछले हफ्ते भारत मौसम विज्ञान विभाग ने उक्त राज्यों के किसानों को गेहूं और अन्य रबी फसलों की कटाई स्थगित करने की सलाह दी थी. पक चुकी फसलों के मामले में आईएमडी ने किसानों को कुछ राज्यों में सरसों और चना जैसी फसलों की जल्द से जल्द कटाई करने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर संग्रहीत करने की सलाह दी है. किसानों को गेहूं की सिंचाई बंद करने को भी कहा गया है.

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गेहूं रबी (सर्दियों) की प्रमुख फसल है और देश के कुछ हिस्सों में इसकी कटाई शुरू हो चुकी है. सरकार ने 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्रारंभिक रिपोर्ट बताती है कि मौजूदा बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से खड़ी फसलों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है.

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