ट्रेड फेयर में लोगों का ध्यान क्यों खींच रहा है एटीएस टॉवर? पढ़ें क्या कुछ है इसमें खास

ट्रेड फेयर में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने केवल एटीसी टॉवर नही बनाए है. डिजिटल स्क्रीन है जहां विमान लैंड और टेक ऑफ करते नजर आते है. डिजिटल इंटररेक्टिव पैनल बना हुआ है.

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नई दिल्ली:

इसे सपनों की उड़ान नही तो क्या कहेंगे एक ऐसी जगह पर जहां पर आने के बाद आपको महसूस हो आप एयरपोर्ट पर आ गए है. एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही की बात हो या फिर विमानों की लैडिंग या टेक ऑफ कंट्रोल करने वाला एयर ट्राफिक कंट्रोल. सबकुछ रियल जैसा लगे. मौका मिले तो भारत मंडपम में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के स्टॉल पर जाए. बिल्कुल हुबहू वैसा ही फील होगा. ट्रेड फेयर का खास आर्कषण है एटीसी टॉवर. 

27 नवंबर तक चलने वाले इस व्यपार मेले में रोजाना हजारों स्टुडेंट इस स्टॉल पर पहुंच रहे है. अपने कानों में हेडफोन लगाकर एटीसी की बाते सुनते है. कही कुछ कन्फ्यूज़न होता है तो सारे सवालों का जवाब देने के लिये वहां एयरपोर्ट ऑथिरिटी के लोग बैठे है. एटीसी टॉवर में जो कुछ मशीन लगा होता है वह सबकुछ यहां लगा हुआ है. बस एक टॉवर भर नही लगा है. दिल्ली के पीतमपुरा के सरकारी स्कूल में दसवी कक्षा में पढ़ने वाले संजय कहते है कि अब तक मैं एयरपोर्ट के अंदर नही गया हूं पर यहां पर आने के बाद जब कुछ जाना तो ऐसा लगा कि अब एयरपोर्ट से अनजान नही हूं.

यहां पर आने वाले ज्यादा युवा केवल एटीसी के जरिये यह जानते है कैसे यह विमानों को गाइड करता है. कब किसे कितने ऊंचाई से नीचे आकर लैंड करना है तो कब किसको टेक ऑफ करना है. एटीसी की कार्यवाही नोएडा को प्रदीप को इतना अच्छा लगा कि वह कहता है अब पहले उसे पायलट बनना था पर अब वह बड़े होकर एटीसी में काम करना चाहेगा. वह अब यह जानना चाहता है एटीसी मे कैसे ज़ॉब पाया जा सकता है.      

तभी तो एयरपोर्ट अथॉरिटी के महाप्रबंधक संदीप झा ने कहा कि इस बार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से स्टाल के अंदर हमने यह कोशिश की है कि लोगों को यह बता सकें कि एविएशन के क्षेत्र में कितनी संभावनाएं है. हम क्या क्या कार्य करते है और एयरपोर्ट में लोगो की रुचि बढ़ाएँ ख़ासकर युवा जो जॉब के लिए इसे एक करियर के रूप में देखते है. अभी देश में लगभग 165 एयरपोर्ट  है जिसे विकसित भारत के लक्ष्य के अंतर्गत 300से 350 एयरपोर्ट करने का है. 

ट्रेड फेयर में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने केवल एटीसी टॉवर नही बनाए है. डिजिटल स्क्रीन है जहां विमान लैंड और टेक ऑफ करते नजर आते है. डिजिटल इंटररेक्टिव पैनल बना हुआ है. जहां पर बस टच कीजिए आपको पता लग जाएगा कि किस एयरपोर्ट से कहां के लिये कौन सी विमान जाएगी. किस रुट में कितनी विमान फ्लाई कर रही है. इतना ही नही आप स्क्रीन पर यह भी देख सकते है कि भारत के आसमान में अभी कितने विमान उड़ रहे है. इसके अलावा यहां पर आपको दिखेगा  खास तरह का फायर फाइटिंग इक्वमेंट. वजह है एयरपोर्ट पर अगर किसी कारण वश आग लगती है तो उसे तुरंत बुझाना बहुत जरुरी होता है. अगर ऐसा नही होता है काफी बड़ा हादसा हो सकता है और तो और बिना कोच्चि गये आप  बड़े स्क्रीन में टॉप एंगल से यह भी देख सकते है कोच्चि एयरपोर्ट कैसा दिखता है. 

यहां पर लोग आकर उड़ान स्कीम के बारे में भी जानते है. यह एक ऐसा स्कीम है जो छोटे शहरों के हवाई मार्ग से जोड़ता है. यहां पर विमान का किराया करीब 2500 के आसपास होता है. कह सकते हैं आम आदमी जो चप्पल पहनता है वह भी हवाई जहाज में में शान से उड़ सकता है. यानि छोटे शहरों और दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए फ्लाइट से सफर अब सपना नहीं रहेगा.

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 मौजूदा वक्त में भारत दुनियां का तीसरा सबसे बड़ा एवियेशन मार्केट है. चीन और अमेरिका के बाद यह तीसरा बड़ा डोमेस्टिक एयरपोर्ट मार्किट है. एयरपोर्ट ऑथिरिटी अब तो देश से बाहर भी एयरपोर्ट बनाने लगी है. मालदीव , श्रीलंका और लाओस में सफलता पूर्वक एयरपोर्ट बना चुकी है. कह सकते है यह एयरपोर्ट के बुनियादी ढांचे का विकास, रखरखाव और उसका प्रबंधन करता है. अथॉरिटी यह भी सुनिश्चित करती है कि हवाई अड्ढे में विमानों की उड़ान  पुरी तरह से  सुरक्षित हो. विमान सेवाओ में ओई दिक्कत ना हो और हवाई सेवाओं में आने वाली चुनौतियों का सामना बेहतर ढ़ंग से किया जा सके. तो ये सब आप करीब से देखना चाहते और जानना चाहते हैं तो एक बाद दिल्ली के भारत मंडपम में जाकर ट्रेड फेयर में एयरपोर्ट के संचालन का अनुभव कर सकते हैं.

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