पूर्व CJI से बंगला खाली कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने क्यों लिखा केंद्र को पत्र, पढ़ें क्या है पूरा मामला 

सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों को अभी तक सरकारी आवास आवंटित नहीं किया गया है. एक उच्च पदस्थ सूत्र ने एनडीटीवी को बताया कि उनमें से तीन सुप्रीम कोर्ट के ट्रांजिट अपार्टमेंट में रह रहे हैं, जबकि एक राज्य के गेस्ट हाउस में रह रहा है.

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सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीजेआई के बंगले को लेकर लिखा पत्र
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से उनका सरकारी आवास खाली करने को कहा है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक पत्र भी लिखा है. इस पत्र में आग्रह किया गया है कि सरकार पूर्व सीजेआई से उनका पुराना आवास खाली करने का आग्रह करे. सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई सहित 33 न्यायाधीश हैं. यह स्वीकृत 34 न्यायाधीशों की संख्या से एक कम है.

सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों को अभी तक सरकारी आवास आवंटित नहीं किया गया है. एक उच्च पदस्थ सूत्र ने एनडीटीवी को बताया कि उनमें से तीन सुप्रीम कोर्ट के ट्रांजिट अपार्टमेंट में रह रहे हैं, जबकि एक राज्य के गेस्ट हाउस में रह रहा है. इसलिए, शीर्ष अदालत को कृष्ण मेनन मार्ग बंगले की तत्काल आवश्यकता है, जो मुख्य न्यायाधीश का आधिकारिक आवास है.

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. सरकारी नियमों के अनुसार, कार्यरत मुख्य न्यायाधीश अपने कार्यकाल के दौरान टाइप VIII बंगले के हकदार होते हैं.सेवानिवृत्ति के बाद, वह छह महीने तक की अवधि के लिए टाइप VII सरकारी बंगले में किराए के बिना रह सकते हैं. 

इस मामले में जस्टिस चंद्रचूड़ रिटायरमेंट के छह महीने बाद भी टाइप VIII बंगले में ही रह रहे हैं, जो उन्हें चीफ जस्टिस के तौर पर आवंटित किया गया था. यह इसलिए भी संभव हुआ क्योंकि शीर्ष पद पर उनके दो उत्तराधिकारी - पूर्व चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और मौजूदा चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि वे 5, कृष्ण मेनन मार्ग वाले बंगले में नहीं जाएंगे और अपने पुराने आवास में ही रहेंगे. 

1 जुलाई को लिखे अपने पत्र में सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से बंगला तत्काल खाली करवाने का आग्रह किया है. मंत्रालय के सचिव को लिखे गए पत्र में सुप्रीम कोर्ट के एक अधिकारी ने कहा है कि मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप बिना किसी देरी के माननीय डॉ. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से बंगला नंबर 5, कृष्ण मेनन मार्ग का कब्जा ले लें, क्योंकि न केवल इसे रखने के लिए दी गई अनुमति. 31 मई, 2025 को समाप्त हो गई है, बल्कि 2022 नियमों के नियम 3बी में प्रदान की गई छह महीने की अवधि भी 10 मई, 2025 को समाप्त हो गई है.

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि व्यक्तिगत परिस्थितियों के कारण देरी हुई. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट प्रशासन को इस बारे में सूचित कर दिया गया है. सरकार ने उन्हें सीमित अवधि के लिए किराए पर एक वैकल्पिक आवास आवंटित किया है, और वे मरम्मत और जीर्णोद्धार पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं.

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