ऋषिकेश (Rishikesh) के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) का एक वीडियो मंगलवार को सामने आया और वायरल हो गया. इसमें आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिसकर्मी इमरजेंसी वार्ड में वाहन सहित घुस गए थे. दरअसल, यह पुलिस कर्मी एक महिला डॉक्टर की ओर से की गई छेड़छाड़ (Molestation) की शिकायत पर आरोपी नर्सिंग अधिकारी सतीश कुमार (Satish Kumar) को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी. पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था. मामले की जांच की जा रही है. हालांकि एम्स के डॉक्टर नर्सिंग अधिकारी के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं.
एम्स के डॉक्टर नर्सिंग अधिकारी सतीश कुमार पर लगे कथित छेड़खाड़ के आरोप को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन पर ऑपरेशन थिएटर में सर्जरी के दौरान एक महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया गया है. बताया जा रहा है कि छेड़छाड़ घटना 19 मई को हुई थी.
इस घटना के विरोध में डॉक्टर हड़ताल और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सतीश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
ऑपरेशन थिएटर में यौन उत्पीड़न किया गयाआंदोलनकारियों में शामिल डॉ रिमझिम ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में 72 घंटे की देरी करने और इस मामले में प्रशासन की उदासीनता की निंदा की. डॉ रिमझिम ने कहा कि, ''संडे की शाम को मेरी सहकर्मी के साथ ऑपरेशन थिएटर में एक नर्सिंग अधिकारी द्वारा यौन उत्पीड़न किया गया. इन्होंने उसकी रिपोर्ट फाइल करने की कोशिश की, तुरंत सीनियर नर्सिंग अधिकारी को बताया, इसके बावजूद उनकी तरफ से 72 घंटे तक कोई स्टेटमेंट..कोई बयान नहीं आया.''
उन्होंने कहा कि, ''इन्होंने (पीड़ित) जब एफआईआर फाइल करने की कोशिश की तो इन्हें दबाने की कोशिश की.. कहा तुरंत एफआईआर फाइल करने से केस वीक होगा, एफआईआर फाइल मत करो. इन्होंने अपनी कोशिशों से अपने घर वालों को बुलाकर अपने सहकर्मियों की सहायता से एफआईआर फाइल की. उसके बाद धारा 354 में एफआईआर फाइल होने के बावजूद अभियुक्त सड़कों पर खुला घूम रहा है. ऐसा क्यों है, हमें इसका जवाब चाहिए.''
डॉ रिमझिम ने कहा कि, ''प्रशासन की ओर से हमें इसके लिए कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा है, न प्रशासन एफआईआर में पार्टी है. उल्टा हमसे झूठे वादे किए जा रहे हैं कि सब ठीक हो जाएगा, तीन-चार दिन में ठीक हो जाएगा, अभी काम पर वापस चलो.''
एक अन्य आंदोलनकारी ने कहा कि, ''एम्स प्रशासन को सारी बातें पता होने के बावजूद उसने हमें झूठे आश्वासन दिए. हमने अपनी बातें सामने रखीं तो उल्टा हमें धमकाया जा रहा है कि आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.''
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि, ''हमारा बस इतना सवाल है कि घटना के 24 से 48 घंटे बाद भी प्रशासन की तरफ से आधिकारिक तौर पर कोई भी एक्शन क्यों नहीं लिया गया है.''
(इनपुट आईएएनएस से)
यह भी पढ़ें -
उत्तराखंड पुलिस की यह कैसी तेजी! ऋषिकेश AIIMS के ICU में दौड़ा डाली जीप