- बिहार में छठ पूजा और विधानसभा चुनाव का गहरा संबंध है.
- चुनाव आयोग ने छठ को ध्यान में रखकर चुनाव की तारीखें तय की हैं.
- दिल्ली में लगभग पचास लाख बिहार के प्रवासी रहते हैं.
अगर आप इतिहास उठा कर देखेंगे तो बिहार में छठ पूजा और विधानसभा चुनाव का गहरा संबंध रहा है. छठ महापर्व और चुनाव अक्सर एक साथ आते हैं, क्योंकि प्रवासी बिहारियों की घर वापसी से मतदान का प्रतिशत बढ़ता है. इस साल यानी कि 2025 में भी यह पैटर्न फिर से दोहराता हुआ दिख रहा है.
क्यों छठ के तुरंत बाद चुनाव
चुनाव आयोग ने दिवाली 20 अक्टूबर और छठ को ध्यान में रखा, ताकि प्रवासी मतदाता घर लौटकर वोट डाल सकें. राजनीतिक दलों (NDA, INDIA) ने भी कम चरणों और छठ के तुरंत बाद चुनाव की मांग की थी . ऐसा इसलिए क्योंकि भारी संख्या में प्रवासी बिहारी छठ में अपने घर वापसी करता है और चुनाव अगर उसी के आस-पास होगा तो उसे दुबारा सिर्फ़ वोट डालने के लिए दिल्ली , गुजरात , दक्षिण राज्य , पंजाब तमाम अलग-अलग जगहों से नहीं आना पड़ेगा और वोट प्रतिशत में भी इज़ाफ़ा होगा .
चुनाव और छठ का आपको 20 साल का पैटर्न बताते हैं. बिहार में छठ और विधानसभा चुनाव का कनेक्शन 2005 से चला आ रहा है.
- 2005 (अक्टूबर-नवंबर): छठ पूजा के ठीक समय पर नहाय-खाए के दिन अंतिम चरण का मतदान हुआ. कुल 4 चरण में मतदान हुआ. 26 अक्टूबर, 3 नवंबर, 13 नवंबर, 20 नवंबर. NDA की जीत हुई, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने.
- 2010 (अक्टूबर-नवंबर): छठ पूजा 9-12 नवंबर के आसपास. कुल 6 चरण 21 अक्टूबर, 24 अक्टूबर, 28 अक्टूबर, 1 नवंबर, 9 नवंबर, 20 नवंबर में मतदान हुआ. NDA ने फिर जीत हासिल की.
- 2015 (अक्टूबर-नवंबर): छठ पूजा 18-21 नवंबर के ठीक पहले. कुल 5 चरण में मतदान हुआ 28 अक्टूबर से 5 नवंबर तक. महागठबंधन (RJD-JD(U)-Congress) की जीत हुई.
- 2020 (अक्टूबर-नवंबर): छठ पूजा 18-21 नवंबर के ठीक पहले. कुल 3 चरण में मतदान हुए, 28 अक्टूबर, 3 नवंबर, 7 नवंबर. NDA की जीत हुई .
- 2025 (नवंबर): छठ पूजा 25-28 अक्टूबर तक. कुल 2 चरण में मतदान होंगे , 6 नवंबर और 11 नवंबर. परिणाम 14 नवंबर को.
दिल्ली में प्रवासी बिहारियों की संख्या
दिल्ली में बिहारियों की संख्या 2025 के अनुमानित आंकड़ों के अनुसार 45 से 50 लाख के बीच है. इनमें से अधिकांश लगभग 80-90% बिहार के मूल निवासी हैं, जो बिहार की मतदाता सूची में पंजीकृत हैं, क्योंकि भारत में मतदाता का पंजीकरण मूल निवास स्थान (जन्म स्थान या मूल जिला) पर आधारित होता है. प्रवासी मजदूर, छोटे व्यापारी, रिक्शा चालक, छात्र और नौकरीपेशा लोग शामिल हैं. ये मुख्य रूप से पूर्वी दिल्ली (लक्ष्मी नगर, त्रिलोकपुरी, मयूर विहार, शाहदरा, सीमापुरी, जाफराबाद) और उत्तर-पश्चिम दिल्ली के इलाकों में रहते हैं. इस बार भी छठ के आस-पास ही चुनाव पड़े हैं तो जब ये अपने घर जायेंगे तो स्वाभाविक रूप से वोट प्रतिशत में इज़ाफ़ा हो जाएगा.
भव्य होगा छठ महापर्व
इस बार दिल्ली में बीजेपी और दिल्ली सरकार भव्य छठ पूजा का आयोजन करेंगे. लोगों को घाट तक आने जाने की अच्छी व्यवस्था, घर पर रात में रुकने की व्यवस्था, टेंट, गद्दे, कंबल और सारी सुविधायें .सुंदर और अच्छे घाट , साफ़ पानी , सुरक्षा , पार्किंग की बेहतर व्यवस्था के अलावा जो कुछ भी जरूरत होती है छठ पूजा के दौरान सबकी व्यवस्था होगी. पिछले सालों के मुकाबले इस साल शानदार व्यवस्था की जाएगी, ताकि बीजेपी ये बता सके कि उनके लिए बिहार, बिहारी और बिहार के त्योहारों का कितना महत्व है. ख़ुद दिल्ली की मुख्यमंत्री घाटों का दौरा अभी से कर रही हैं. दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा घाटों और पानी की गुणवत्ता पर नज़र बनाये हुए हैं. दिल्ली के सातों सांसद अपने अपने क्षेत्र के घाटों का सुंदरीकरण अभियान में लगे हुए हैं.
राजनीतिक विवादों का केंद्र
दिल्ली में छठ पूजा अक्सर राजनीतिक विवादों का केंद्र रही है. पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार पर छठ पूजा को लेकर लापरवाही के आरोप मुख्य रूप से यमुना नदी के प्रदूषण, घाटों की अपर्याप्त व्यवस्था, सुरक्षा की कमी और कोविड प्रतिबंधों के दौरान अनुमति न देने को लेकर लगे. ये आरोप BJP और कांग्रेस ने सबसे ज्यादा लगाए हैं.
प्रदूषण का मुद्दा
BJP ने AAP सरकार पर पूर्वांचली विरोधी होने का आरोप लगाया. DDMA ने कोविड के कारण यमुना घाटों पर पूजा प्रतिबंधित की, जिसे AAP की लापरवाही बताया गया. BJP MP मनोज तिवारी ने कहा था कि AAP ने 800 घाट बनाए, लेकिन यमुना के जहरीले झाग वाले पानी में व्रतियों को डुबकी लगाने पर मजबूर किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है.
2022 जहरीली झाग
पर्यावरणविदों और BJP ने AAP पर यमुना सफाई में विफलता का आरोप लगाया. छठ से पहले नदी पर जहरीला झाग तैरता दिखा, जिसे दिल्ली सरकार की “निष्क्रियता” बताया गया. दिल्ली जल बोर्ड ने केमिकल छिड़काव किया, लेकिन देरी से. बीजेपी ने कहा कि AAP का 2025 तक यमुना साफ करने का वादा झूठा साबित हुआ. प्रवेश वर्मा जो उस वक्त सांसद थे, वो इंस्पेक्शन पर यमुना किनारे पहुंचे थे और जल विभाग के अधिकारी से उनकी बहस हुई थी.
2023 में घाटों की संख्या और भ्रष्टाचार का मुद्दा
AAP ने 1,000+ घाट बनाने का दावा किया, लेकिन BJP ने इसे फर्जी बताया. केवल 100-130 घाट बने, बाकी अधूरे. BJP ने विधायकों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, जैसे टेंट, लाइटिंग की कमी. वहीं 2024 में दिल्ली HC ने यमुना घाटों पर पूजा की अनुमति नहीं दी, क्योंकि नदी “अत्यधिक प्रदूषित” थी. बीजेपी ने AAP को “एंटी-हिंदू” कहा, कहा कि यमुना प्रदूषण से पूजा बाधित हुई.
इस बार कैसी होगी दिल्ली में छठ पूजा
इस बार दिल्ली सरकार ने कुल 1,060 से अधिक अस्थायी छठघाट बनाने की योजना बनाई है. इनमें से करीब 100 घाट यमुना नदी के किनारे पर होंगे, जबकि बाकी पार्कों, सामुदायिक केंद्रों और दूसरी जगहों पर कृत्रिम रूप से बनाए जाएंगे. यह संख्या पिछले साल से अधिक है, ताकि पूर्वांचली समुदाय को घर के पास पूजा करने की सुविधा मिले.
इस साल छठ पूजा होगी सनातनी
इस साल छठ पूजा भव्य और ‘सनातनी' तरीके से मनाया जाएगा, जैसा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की है. ,छठ को सनातनी वैदिक और लोक परंपराओं से जुड़ा पर्व माना जाता है, जिसमें निर्जला व्रत, सूर्य को अर्घ्य, लोक गीत और प्रसाद (ठेकुआ, फल, गन्ना) शामिल हैं. घाटों पर कोई आधुनिक या व्यावसायिक हस्तक्षेप नहीं होगा – सब कुछ शुद्ध सनातनी शैली में, जैसे बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में मनाया जाता है, वैसे ही होगा .