"जो भी थोड़ा भरोसा था...": राहुल गांधी के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर बोले-"...वह पहले..."

राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा गुजरात के पूर्व भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने दायर किया था. इसी मामले में सजा के बाद राहुल को एक सांसद के रूप में अयोग्य ठहराया गया है.

Advertisement
Read Time: 21 mins
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज ट्वीट्स की एक श्रृंखला में राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वह नौटंकी और सस्ते प्रचार के माध्यम से लोगों का भरोसा खो रहे हैं. कांग्रेस नेता ने शुक्रवार को लोकसभा की अपनी सदस्यता खो दी. निचले सदन से उनकी अयोग्यता 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा के एक दिन बाद हुई. सूरत की अदालत ने कांग्रेस नेता को 2 साल की जेल की सजा सुनाई थी. बाद में 30 दिनों की अवधि के लिए सजा पर रोक लगा दी. इन 30 दिनों के दौरान वह अपनी सजा को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय में जा सकते हैं.

सरकार या लोकसभा की भूमिका नहीं
राहुल पर 'राजनीतिक अपरिपक्वता' का आरोप लगाते हुए, अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘‘राहुल गांधी राजनीतिक अपरिपक्वता की मिसाल हैं. जो भी थोड़ा भरोसा था, उसे वह गंवा रहे हैं. नौटंकी और सस्ती लोकप्रियता के लिए वह हथकंडे अपना रहे हैं.'' केंद्रीय खेल मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "चुने हुए प्रतिनिधि स्वचालित रूप से अयोग्य घोषित हो जाते हैं, जब उन्हें माननीय अदालत द्वारा दो या अधिक वर्षों के लिए जेल की सजा सुनाई जाती है. केंद्र सरकार या लोकसभा की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है और अयोग्यता को निलंबित या रद्द नहीं किया जा सकता है."

अयोग्यता स्वत: प्रभावी होती है
निचले सदन से राहुल गांधी की अयोग्यता पर आगे अनुराग ठाकुर ने पोस्ट किया, "राहुल गांधी अयोग्यता का सामना करने वाले पहले व्यक्ति नहीं हैं. आश्चर्य है कि क्या कांग्रेस के कानूनी जादूगरों ने नियमों की जांच की है. इसके बजाय, वे खुले तौर पर ओबीसी के लिए अपनी नफरत का बचाव कर रहे हैं, जिसके कारण उन्हें सजा हुई और अब न्यायपालिका और लोगों के प्रति घोर अनादर दिखा रहे हैं." अपने तर्क का समर्थन करने के लिए पिछले मामले का हवाला देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "2013 में लिली थॉमस बनाम भारत संघ मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RPA)की धारा 8 (4) को रद्द कर दिया था, जो सजायाफ्ता विधायकों को लंबित अपील के दौरान अयोग्यता से बचाती थी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अब दोषसिद्धि की तारीख से अयोग्यता स्वत: प्रभावी होती है."

Advertisement

यह है मामला
मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "संविधान स्पष्ट रूप से संसद को उस तारीख को टालने से रोकता है, जिससे अयोग्यता प्रभाव में आती है. लोकसभा अध्यक्ष आरपी अधिनियम और सदस्यता समाप्ति आदेश जारी करने के लिए उच्चतम न्यायालय के फैसले से बाध्य है." आपको बता दें कि कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले एक चुनावी रैली में उपनाम 'मोदी' का उपयोग करते हुए उन्होंने एक टिप्पणी की थी. कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, "सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?" राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा गुजरात के पूर्व भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने दायर किया था. इसी मामले में सजा के बाद राहुल को एक सांसद के रूप में अयोग्य ठहराया गया है. केरल के वायनाड लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए कांग्रेस नेता को संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (ई) के प्रावधानों के तहत जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 के जरिए अयोग्य घोषित किया गया है. 

Advertisement

यह भी पढ़ें-
डिप्रेशन में दूसरी मंजिल से कूद गया विदेशी, मदद को आए शख्स को पकड़ लिया तो लोगों ने धून दिया
"BJP से लड़ने के लिए क्षेत्रीय दलों को कमान दे कांग्रेस" : CBI पूछताछ से निकलकर बोले तेजस्वी

Advertisement
Featured Video Of The Day
डिलीवरी से पहले हाथों में हाथ थामे सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचे Deepika-Ranveer, देखें खूबसूरत Video
Topics mentioned in this article