किसकी होगी पश्चिम बंगाल की कूचबिहार लोकसभा सीट? क्या कहता है वहां का समीकरण

लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार के रूप में फिर से नामांकित प्रमाणिक इस बार अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में टीएमसी के राजवंशी समुदाय के चेहरे और सीताई क्षेत्र के मौजूदा विधायक जगदीश बर्मा बसुनिया को चुनौती दे रहे हैं.

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कूचबिहार:

पश्चिम बंगाल की कूचबिहार लोकसभा सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला होने की संभावना है जहां भाजपा उम्मीदवार के रूप में फिर से नामांकित निसिथ प्रमाणिक अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी, टीएमसी के मौजूदा विधायक जगदीश बर्मा बसुनिया को चुनौती दे रहे हैं और फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी निसिथ चंद्र रॉय तथा कांग्रेस की पिया रॉय चौधरी प्रमाणिक की राह रोकने के लिए प्रयासरत हैं.

वर्ष 2019 में हुए चुनाव में केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता निसिथ प्रमाणिक ने 32 प्रतिशत वोट हासिल कर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उम्मीदवार को हरा दिया था. इसके बाद से हालांकि उत्तरी बंगाल के कूच बिहार जिले की दो मुख्य नदियों तोर्षा और जलढाका में काफी पानी बह चुका है और हिंसा तथा तस्करी समेत कई ऐसे प्रमुख मुद्दे हैं जिनके आगामी चुनाव में छाये रहने की संभावना है.

यह सीट कभी वाममोर्चे के सहयोगी दल फॉरवर्ड ब्लॉक का गढ़ मानी जाती थी, जिसने 1977 से 2009 तक लगातार 32 वर्षों तक यह सीट जीती थी. वर्तमान में कूच बिहार निर्वाचन क्षेत्र भाजपा का गढ़ बना हुआ है.

लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार के रूप में फिर से नामांकित प्रमाणिक इस बार अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में टीएमसी के राजवंशी समुदाय के चेहरे और सीताई क्षेत्र के मौजूदा विधायक जगदीश बर्मा बसुनिया को चुनौती दे रहे हैं.

इस सीट पर वामपंथियों ने फॉरवर्ड ब्लॉक के निसिथ चंद्र रॉय को मैदान में उतारा है, तो वहीं कांग्रेस ने पिया रॉय चौधरी को फिर से नामांकित किया है जिससे इस सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला होने की संभावना बढ़ गई है.

वर्ष 2021 में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में टीएमसी की ऐतिहासिक जीत के बावजूद इस निर्वाचन क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्रों में से पांच भाजपा के पास हैं.

प्रमाणिक ने 2019 के आम चुनाव में टीएमसी के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी परेश अधिकारी को 54,000 से अधिक मतों से हराया था.

प्रमाणिक को दो साल बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद गृह, युवा मामलों और खेल मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया था. उन्होंने 35 साल की उम्र में नरेन्द्र मोदी की मंत्रिपरिषद के सबसे कम उम्र के सदस्य बनने का गौरव हासिल किया था.

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राज्य में 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रमाणिक ने दिनहाटा विधानसभा क्षेत्र में अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी टीएमसी के उदयन गुहा पर 57 मतों से जीत हासिल की थी लेकिन उन्होंने सांसद बने रहने का ही फैसला किया था. दो साल बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में गुहा ने शानदार जीत हासिल कर भाजपा से यह सीट छीन ली थी.

प्रमाणिक ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के दौरान मैं लोगों के बहुत करीब आ गया हूं. लोगों ने देखा है कि एक सांसद और मंत्री के रूप में मैं अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में कितना सक्रिय रहा हूं.''

टीएमसी के उम्मीदवार बसुनिया ने कहा, ‘‘इस सीट पर वामपंथी और कांग्रेस का समर्थन सीमित है और चाहे वे अलग-अलग लड़ें या साथ मिलकर, हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा.''

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उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा हमारी मुख्य प्रतिद्वंद्वी है और हमने यह सुनिश्चित करने के लिए पिछले वर्षों में कड़ी मेहनत की है कि उनके मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा इस बार हमें वोट दे.''इस सीट पर 19 अप्रैल को मतदान होगा और 24.5 लाख मतदाता 2043 मतदान केंद्रों पर वोट डालेंगे.
 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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