तहव्वुर राणा को भारत लाने की अनुमति मिल गई है. अमेरिकी अदालत ने 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी है. 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे. इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था. ये हमले मुंबई के प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण स्थानों पर 60 घंटे से अधिक समय तक जारी रहे थे.
पाकिस्तान आर्मी में डॉक्टर रहा है तहव्वुर राणा
पाकिस्तान में जन्मे तहव्वुर राणा ने पाक आर्मी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की थी. इसके बाद वह 10 साल से अधिक समय तक पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करते रहे. तहव्वुर राणा के पास कनाडा की नागरिता है. हालांकि, वह शिकागो में रहता था. बताया जाता है कि शिकागो में तहव्वुर राणा का बड़ा कारोबार था. वहीं, अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, तहव्वुर राणा कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड में भी रहता है. वह इन देशों की यात्रा करता रहता है.
सात भाषाएं बोलता है तहव्वुर राणा
तहव्वुर राणा ने भारत में आतंकी हमले की साजिश रचने में मदद की थी. वह सात भाषाएं बोलता है. 2006 से नवंबर 2008 के बीच राणा ने ‘दाउद गिलानी' के नाम से पहचाने जाने वाले हेडली और पाकिस्तान में कुछ अन्य के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा तथा हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी को मुंबई में आतंकी हमलों की साजिश रचने तथा हमलों को अंजाम देने में मदद की थी. पाकिस्तानी-अमेरिकी हेडली लश्कर का आतंकवादी है. वह 2008 के मुंबई हमलों के मामले में सरकारी गवाह बन गया है. वह हमले में भूमिका के लिए अमेरिका में 35 साल की जेल की सजा काट रहा है.
तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली हैं बचपन के दोस्त
राणा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी डेविड कोलमैन हेडली का बचपन का दोस्त है. भारत के अनुरोध पर राणा को मुंबई आतंकवादी हमले में संलिप्तता के आरोप में लॉस एंजिलिस में 10 जून को फिर से गिरफ्तार किया गया था. इस हमले में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गये थे. भारत ने उसे भगोड़ा घोषित किया है.पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक हेडली 2008 के मुंबई हमलों की साजिश रचने में शामिल था. वह मामले में गवाह बन गया था और वर्तमान में हमले में अपनी भूमिका के लिए अमेरिका में 35 साल जेल की सजा काट रहा है.
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