दिल्ली की एक अदालत ने हाल में हुए आम चुनावों में बारामूला संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से जीते इंजीनियर राशिद की उस याचिका पर 18 जून को दलीलें सुनेगी जिसमें सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिये अंतरिम जमानत दिए जाने का अनुरोध किया गया है. इंजीनियर राशिद के नाम से चर्चित शेख अब्दुल राशिद को 2016 के जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले राशिद ने बारामूला संसदीय सीट से जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉनफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को चुनाव में हराया है.
वह केंद्र शासित प्रदेश के पूर्व विधायक भी हैं. नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) द्वारा राशिद के आवेदन पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगे जाने पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने मामले की सुनवाई 18 जून के लिए तय की. एनआईए ने सात जून को बताया कि लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसदों की शपथ की अधिसूचना अभी तक प्रकाशित नहीं हुई है.
न्यायाधीश ने मामले को स्थगित करते हुए कहा कि यदि समारोह के लिए अधिसूचना अगली तारीख से पहले आ जाती है तो आरोपी मामले को शीघ्र निस्तारण के लिए अदालत में याचिका दायर कर सकता है. राशिद ने शपथ लेने और संसदीय कार्य करने के लिए अंतरिम जमानत या वैकल्पिक तौर पर हिरासत पैरोल की मांग करते हुए अदालत में याचिका दायर की थी.
एनआईए द्वारा कथित आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम), 1967 अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए जाने के बाद से वह 2019 से जेल में है. वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. पूर्व विधायक का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वताली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एनआईए ने घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से वित्त पोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
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