सपा के क्रॉस वोटर्स कौन? जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में अखिलेश की बजाय दिया BJP का साथ

यूपी की कुल 403 विधानसभा सीटों में से 4 सीटें खाली हैं, 3 विधायक जेल में हैं, तो वहीं एक विधायक वोट के दौरान अनुपस्थित रहीं. बाकी 395 विधायकों ने मतदान किया.

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नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं समाजवादी पार्टी के खाते में सिर्फ दो सीटें आईं. यहां 10 सीटों पर 11 उम्मीदवार होने की वजह से वोटिंग हुई और चुनाव दिलचस्प हो गया. बीजेपी के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ ने क्रॉस वोटिंग की वजह से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आलोक रंजन को हरा दिया.

चुनाव में कुल 395 वोट पड़े. समाजवादी पार्टी की विधायक महाराजी प्रजापति इस दौरान अनुपस्थित रहीं. वहीं सपा के 7 विधायक मनोज पांडे, राकेश पांडे, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य ने क्रॉस वोटिंग की. ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव समाज पार्टी के एक विधायक जगदीश नारायण राय ने भी क्रॉस वोटिंग की, जो सपा के खाते में गया.

यूपी की कुल 403 विधानसभा सीटों में से 4 सीटें खाली हैं, 3 विधायक जेल में हैं, तो वहीं एक विधायक वोट के दौरान अनुपस्थित रहीं. बाकी 395 विधायकों ने मतदान किया.

राज्यसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आठ और समाजवादी पार्टी (SP) ने तीन उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. भाजपा ने अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ को मैदान में उतारा. इसी वजह से एक सीट को लेकर दोनों पार्टियों के बीत कड़ी लड़ाई देखने को मिली.

भाजपा के सात अन्य उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.पी.एन. सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत (बिंद), पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह और आगरा के पूर्व महापौर नवीन जैन थे.

सपा ने अभिनेत्री-सांसद जया बच्चन, दलित नेता रामजी लाल सुमन और सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी एवं उप्र के पूर्व मुख्‍य सचिव आलोक रंजन को मैदान में उतारा था.

बीजेपी के आठवां प्रत्याशी उतारने और समाजवादी पार्टी की बैठक में सभी विधायकों के नहीं पहुंचने के बाद से ही चुनाव में क्रॉस वोटिंग की चर्चा होने लगी थी. सोमवार को अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई बैठक में भी यूपी विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय और सात अन्य विधायक मुकेश वर्मा, महाराजी प्रजापति, पूजा पाल, राकेश पांडे, विनोद चतुर्वेदी, राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे.

मतदान के दिन पांडेय ने विधानसभा में मुख्य सचेतक पद से भी इस्तीफा दे दिया और अपना त्यागपत्र पार्टी प्रमुख को भेज दिया. सपा सदस्य राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह और राकेश पांडेय एक ही गाड़ी से मत डालने पहुंचे थे. हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर इस बात का जवाब नहीं दिया कि वे अपना मत किसको देने जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने भाजपा की तरफ इशारा जरूर किया.

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इस बीच, सपा सदस्य राकेश प्रताप सिंह ने कहा, ‘‘हम अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर मत डालेंगे.'' क्या जय श्री राम होगा, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘राम हर जगह हैं.''

सपा विधायक राकेश पांडेय के बेटे एवं आंबेडकर नगर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद रितेश पांडेय ने रविवार को बसपा की सदस्‍यता से त्यागपत्र दे दिया और भाजपा में शामिल हो गये.

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क्रॉस वोटिंग को लेकर सवाल पूछे जाने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "जो लोग इस स्थिति में 'फायदा' तलाश रहे हैं, वे जाएंगे. जिनसे वादा किया गया होगा वो जाएंगे. चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने सभी हथकंडे अपनाए." उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि बागियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘किसी को सुरक्षा की चिंता है, किसी को धमकाया गया, किसी को कुछ और कहा गया. जिसके अंदर लड़ने का साहस नहीं होगा, वो जाएंगे.'' उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जो लोग किसी की राह में कीलें बिछाते हैं या दूसरों के लिए गड्ढा खोदते हैं, वे खुद उसमें गिर जाते हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘आप देख चुके हैं कि चंडीगढ़ में सीसीटीवी कैमरों के सामने क्या हुआ? मैं उच्चतम न्यायालय को धन्यवाद देता हूं जिसने संविधान को बचाया. भाजपा चुनाव जीतने के लिए सभी हथकंडे अपना सकती है. उसने विधायकों को कुछ लाभ का आश्वासन दिया होगा. भाजपा चुनाव जीतने के लिए कुछ भी करेगी.''

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इस चुनाव में विधानसभा सदस्य मतदान करते हैं. यूपी की 403 सदस्यीय विधानसभा में मौजूदा समय में 399 सदस्य हैं, जिनमें से 395 सदस्यों ने अपने मत का प्रयोग किया. उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने की खातिर एक उम्मीदवार को लगभग 37 प्रथम-वरीयता मतों की जरूरत थी.

403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा और सपा सबसे बड़े दल हैं. भाजपा के 252 और सपा के 108 विधायक हैं. वहीं सपा की गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के पास दो सीट हैं. भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के पास 13, निषाद पार्टी के पास 6, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के पास 9, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के पास 6, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पास 2 और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पास एक सीट है. फिलहाल विधानसभा में चार सीट खाली हैं.