"कौन सा हिंदुत्व ...?": शिंदे के हिंदुत्व विचारधारा के दावे पर शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी का पलटवार

शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को बागी नेता एकनाथ शिंदे के इस दावे को खारिज कर दिया कि पार्टी हिंदुत्व की अपनी विचारधारा से अलग हो रही है.

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शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने बागी नेता एकनाथ शिंदे के इस दावे को खारिज कर दिया कि पार्टी हिंदुत्व की अपनी विचारधारा से अलग हो रही है.

नई दिल्ली:

शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को बागी नेता एकनाथ शिंदे के इस दावे को खारिज कर दिया कि पार्टी हिंदुत्व की अपनी विचारधारा से अलग हो रही है. उन्होंने कहा,”कौन सा हिंदुत्व आपको अपनी पार्टी की पीठ में छुरा घोंपना सिखाता है ...वो भी एक ऐसी पार्टी जो परिवार की तरह है?" प्रियंका चतुर्वेदी एनडीटीवी से बात कर रहीं थीं. उन्होंने कहा कि विचारधारा के बारे में बात करना "भाजपा समर्थित" विद्रोह के लिए सिर्फ एक बहाना है.

महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत धीरे धीरे मजबूत हो रहा है. इधर शिवसेना ने अब चार और बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है. ताजा घटनाक्रम के मुताबिक, बागी नेता एकनाथ शिंदे के पास अब 37 विधायकों का समर्थन है जिसका मतलब है कि अब उनपर दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं होगा और वे विधानसभा में पार्टी को विभाजित भी कर सकते हैं.

गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे ने पहले जोर देकर कहा था कि महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ शिवसेना का गठबंधन "अप्राकृतिक" है,  और उसे भाजपा के साथ अपना गठबंधन बहाल करना चाहिए.

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प्रियंका चतुर्वेदी से जब ये पूछा गया कि क्या पार्टी के भीतर कुछ लोग इस बात से नाराज थे कि मुख्यमंत्री के बेटे, आदित्य ठाकरे पार्टी की अपेक्षाकृत प्रगतिशील और नरम छवि पेश कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, "हरेक राजनीतिक दल मंथन से गुजरता है और यह निर्भर करता है कि राज्य में राजनीतिक विमर्श किस दिशा में जा रहा है. आगे बढ़ने के लिए हमें राज्य के मिजाज को समझना होगा. भाजपा भी अटल बिहारी वाजपेयी के समय जिस तरह की थी वो अब नहीं है.”

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उन्होंने कहा कि शिंदे की नाराजगी के वो कारण नहीं हैं. प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा,” "उनके पास दूसरा सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालय था. उनका बेटा संसद सदस्य है ... शिंदे खुद भी एक वरिष्ठ नेता हैं जिन्हें शहरी विकास मंत्रालय दिया गया था, जिसे आमतौर पर मुख्यमंत्री अपने पास रखते हैं."

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उन्होंने दावा किया कि श्री शिंदे के साथ दिखाई देने वाले सभी लोगों के साथ वे संपर्क में हैं. उन्होंने कहा, "हम लगातार उनके संपर्क में हैं, और वे हमारे संपर्क में हैं."

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पार्टी सांसद संजय राउत के पहले के बयान पर कि शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन तोड़ने पर विचार करेगी, अगर विद्रोही लौट आए, तो प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "उस बयान को बतौर चुनौती जारी किया गया था... कि गुवाहाटी से हमसे बात करने के बजाय उन्हें मुंबई आना चाहिए और हमलोगों का सामना करना चाहिए. वे वापस आएं और हमें बताएं. यह एक चुनौती थी जिसने उन्हें और एक्सपोज कर दिया.”

जब उनसे यह पूछा गया कि क्या इस तरह का ब्रेकअप अभी भी संभव है, तो उन्होंने कहा, 'गठबंधन के बाबत कोई भी फैसला हम पर थोपा नहीं जा सकता है. हमने उन्हें आने और बात करने के लिए कहा.... लेकिन अब इसके लिए बहुत देर हो चुकी है.”

यह पूछे जाने पर कि विधानसभा में कब शक्ति परीक्षण की संभावना है तो प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "हम स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और राज्यपाल से कहेंगे कि पहले उन विधायकों को वापस आने के लिए कहें. वे गुवाहाटी के होटल से काम नहीं कर सकते."