जम्मू-कश्मीर में बीजेपी(Bjp) ने चुनावी अभियान का आगाज कर दिया है. जम्मू में कार्यकर्ता सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित(Amit Shah) शाह ने कहा कि यह संयोग है कि बीजेपी की पहली चुनावी रैली गणेश चतुर्थी के दिन शुरू हो रही है. आने वाले चुनाव ऐतिहासिक चुनाव हैं. देश की आजादी के बाद पहली बार मतदाता जम्मू-कश्मीर के लोग तिरंगे के नीचे वोट डालेंगे.
अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में एम्स, आईआईटी, आईआईएम मोदी सरकार ने बनाया. एक भी जुलूस और झंडा नहीं निकालना पड़ा. जम्मू में आतंकवाद हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा. जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और फारुख अब्दुल्ला की सरकार कभी नहीं बन सकते. हमारे कार्यकर्ता ये बात लोगों को बताएं. इन्होने हरि सिंह महाराजा का अपमान किया. ऐसे लोगों को जीतना नहीं चाहिए.
अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में जब आतंकवाद होता था, तब यही कश्मीर में राज करते थे और दिल्ली में काफी पीते थे. आतंकवाद की घटनाएं बढ़ी. लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में 70 फीसदी आतंक की घटनाएं कम होंगी. अगर बीजेपी आई तो आतंकवाद खत्म होगा.
उन्होंने कहा कि नेशनल कांफेरेंस व कांग्रेस पार्टी कहती है कि हम जम्मू कश्मीर को स्टेट का दर्जा देंगे. मैं अब्दुल्ला साहब और राहुल बाबा से पूछना चाहता हूं कि आप जम्मू कश्मीर को स्टेट का दर्जा कैसे वापस देंगे? जनता को मूर्ख बना रहे हो आप क्योंकि जम्मू कश्मीर को स्टेट का दर्जा तो सिर्फ भारत सरकार ही दे सकती है.
अमित शाह ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार के खाते में कई उपलब्धियां हैं. बीजेपी की ताकत उसके मंत्री नहीं बल्कि बूथ प्रभारी हैं. हमें अपने बूथ कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा है. आपको घर-घर जाना चाहिए और लोगों को मोदी सरकार में कश्मीर में हुए परिवर्तनों की याद दिलानी चाहिए."
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमने घर-घर जाकर इनके (नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस) विभाजनकारी एजेंडे के प्रति लोगों को जागरूक किया है. मैंने एक प्रेस वार्ता कर नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस के विभाजनकारी एजेंडे को उजागर किया था. लेकिन आज मैं आप सब के सामने आया हूं, क्योंकि मैं मीडिया से ज्यादा भरोसा आप पर करता हूं क्योंकि मैं भी आपकी जमात वाला हूं, मैं भी बूथ अध्यक्ष रहा हूं. उन्होंने कहा कि जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है.
कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "राहुल गांधी को मैं एक बात कहना चाहता हूं कि कितना भी जोर लगा लो गुर्जर, बकरवाल पहाड़ियों और दलितों के आरक्षण को हम हाथ नहीं लगाने देंगे. जब तक शांति नहीं होगी, पाकिस्तान से कोई बात नहीं होगी."