कंपनी ने दफ्तर से काम करने बुलाया तो 800 से अधिक कर्मचारियों ने दे दिया इस्तीफा, कहा- अभी और लोग भी देंगे

कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी की ओर से लागत में कटौती करने की ये कवायद है. आने वाले समय में अभी और भी कर्मचारी इस्तीफा देंगे.

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नई दिल्ली:

ऑनलाइन कोडिंड सिखाने वाली कंपनी व्हाइटहैट जेआर के 800 से अधिक कर्मचारियों ने बीते दो महिनों में इस्तीफा दे दिया है. आईएनसी42 की एक रिपोर्ट की मानें ऐसा करने के पीछे का कारण उन्हें दफ्तर से काम करने लिए वापस बुलाना है. कर्मियों ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि वे दफ्तर आकर काम नहीं करना चाहते हैं. बता दें कि कंपनी की ओर से 18 मार्च को कर्मचारियों को भेजे गए मेल में उन्हें एक महीने के अंदर मुंबई, बेंगलुरु और गुरुग्राम स्थित दफ्तरों में काम पर वापस लौटने को कहा गया था. रिपोर्ट के अनुसार इस आदेश को मानने की बजाय कर्मचारियों के सामूहिक इस्तीफा दे दिया. 

अभी और कर्मचारी इस्तीफा देंगे

आईएनसी42 से बात करते हुए कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी की ओर से लागत में कटौती करने की ये कवायद है. आने वाले समय में अभी और कर्मचारी इस्तीफा देंगे. उन्होंने ये भी कहा कि बायजू द्वारा कंपनी के टेकओवर और व्हाइट हैट जेआर के फाउंडर करण बजाज के जाने के बाद परिस्थियां बदल गईं हैं. उनके रहने तक स्थिति सामान्य थे. लेकिन बायजू द्वारा 30 करोड़ डॉलर में स्टार्ट-अप खरीदने के एक साल बाद अगस्त 2021 में उन्होंने कंपनी छोड़ दी. 

इधर, पूरे मामले में कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमारे बैक-टू-वर्क ड्राइव के तहत हमने अधिकतर सेल्स और सपोर्ट कर्मचारियों को 18 अप्रैल से गुरुग्राम और मुंबई स्थित दफ्तरों में रिपोर्ट करने के लिए कहा है. आपातकालीन परिस्थियों के लिए अपवाद बनाए गए हैं. उक्त परिस्थिति में हम उन्हें रियायत देंगे. हमारे शिक्षक घर से काम करना जारी रखेंगे.”

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वर्क फ्रॉम होम खत्म होने से कर्मचारी नाखुश

बता दें कि व्हाइट हेड ही नहीं अन्य टेक कंपनियों में भी कर्मचारी कंपनी नीतियों से नाराज होकर इस्तीफा दे रहे हैं. इस महीने द वर्जियरियर में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, मशीन लर्निंग के निदेशक इयान गुडफेलो ने इस महीने की शुरुआत में इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि एप्पल के सीईओ टिम कुक ने कर्मचारियों को कार्यालय में वापस लाने के लिए जोर दिया था. फॉर्च्यून ने इस साल 13 से 19 अप्रैल के बीच किए गए एक सर्वेक्षण के परिणाम प्रकाशित किए, जिसमें पता चला कि सर्वेक्षण में शामिल 76 प्रतिशत कर्मचारी कंपनी में काम पर वापसी नीति से नाखुश थे.

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