जब जूनियर वकील रहते CJI डीवाई चंद्रचूड़ को फीस में मिली थी मां की साड़ी, एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड को सुनाया किस्सा

सीजेआई ने कहा कि ये उनके अनुभव हैं, जो इस पेशे में आगे बढ़ने में काम आए. उन्होंने कहा, "आप देश की सबसे बड़ी अदालत के अफसर बने हैं. इसलिए आपकी जिम्मेदारी भी बड़ी है."

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सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को 260 नए एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के स्वागत समारोह में बोलते हुए अपने निजी अनुभव शेयर किए.
नई दिल्ली:

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 2023 में चयनित एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (Advocate on Record) को कानूनी पेशे का पहला सबक सिखाया. सीजेआई ने मंगलवार को 260 नए एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के स्वागत समारोह में बोलते हुए अपने निजी अनुभव शेयर किए. उन्होंने बताया कि जब वो जूनियर वकील थे, तो एक बड़े राजनेता का केस लड़ रहे थे. ये केस उनके खिलाफ अभियोजन को वापस लेने का था. वो दिल्ली के सोमविहार इलाके में रहते थे. एक दिन उनके काम से खुश होकर राजनेता उनके फ्लैट पर चले आए. उन्होंने कहा कि वो उनकी मां के लिए साड़ी लाए हैं. सीजेआई ने कहा कि अगले दिन उनके सीनियर ने कहा कि अब फीस नहीं मिलेगी, क्योंकि मां की साड़ी ही फीस है.

एक और किस्सा बताते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि एक मुव्वकिल बॉम्बे से आता था और निर्देश देता था. साथ ही कहता था कि उसके पास बहुत केस आते हैं... जब ये बात उन्होंने सीनियर को बताई, तो उन्होंने कहा कि इसका मतलब ये है कि उनको इस केस की फीस नहीं मिलेगी. 

सीजेआई ने कहा कि ये उनके अनुभव हैं, जो इस पेशे में आगे बढ़ने में काम आए. उन्होंने कहा, "आप देश की सबसे बड़ी अदालत के अफसर बने हैं. इसलिए आपकी जिम्मेदारी भी बड़ी है." 

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "आपको अच्छे वकीलों से सीखना है और उनसे भी जो अच्छा काम नहीं करते.. जिंदगी में हम अच्छे- बुरे सभी से सीखते हैं." सीजेआई ने कहा कि कानून का पेशा हमेशा उभरता रहता है. इसलिए इसके साथ- साथ चलना जरूरी है. तकनीक का इस्तेमाल करना भी जरूरी है. आपको सब सीखना होगा. आपको स्किल सीखनी होगी." 

सीजेआई ने बधिर वकील के पेश होने का उदाहरण देते हुए कहा कि कल ही एक बधिर वकील दुभाषिए (ट्रांसलेटर) के साथ पेश हुईं. ट्रांसलेटर ने 1 से 36 केसों की सुनवाई की जानकारी उनको दी. उनका 37 वां नंबर था और वो सारे केसों की जानकारी पा चुकी थीं कि कोर्ट का मूड कैसा है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्हें बाद में अहसास हुआ कि ये सुप्रीम कोर्ट में इस तरह का पहला केस था. इसके लिए कितना वक्त लग गया. ये सब पहले हो जाना चाहिए था. 

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सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ( SCORA) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एस रवींद्र भट और अटॉर्नी जनरल आर वेंकेटरमनी ने भी अपने विचार रखे. SCORA के पूर्व कोषाध्यक्ष निखिल जैन के मुताबिक, CJI चंद्रचूड़ के भाषण से नए वकीलों का सही मार्गदर्शन होगा. वो अदालत में भी नए वकीलों को प्रोत्साहित करते हैं. 

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