उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) जिले में नारायण साकार विश्व हरि यानी ‘भोले बाबा' के सत्संग (Satsang) में भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई. भोले बाबा तब से अदृश्य हैं. उसकी सच्चाई अब सामने आती जा रही है. सत्संग का अर्थ कहने को तो सच्चाई का साथ है, लेकिन सत्संग के नाम पर फर्जी बाबाओं (Fake Babas) ने अपना धंधा खूब चमकाया. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सितंबर 2017 में फर्जी बाबाओं की एक लिस्ट जारी की थी जिसमें 14 ऐसे लोगों के नाम थे जिन्हें उसने फर्जी बाबा बताया था. इन सभी बाबाओं पर संगीन आरोप थे, मुकदमे दर्ज हुए थे और कई को सजा भी मिल चुकी है. इन सभी में एक समानता थी कि वे सत्संग के नाम पर आम लोगों का जमकर शोषण करते थे.
सत्संग का क्या अर्थ है?
'सत्संग' शब्द 'सत्य' और 'संग' से मिलकर बना है. इसका मतलब है सत्य के साथ समुदाय, समाज की संगत. यानी सत्य को मानने वालों की संगति. सत्संग एक तरह से समान विचार रखने वाले, खास तौर पर आध्यात्म की दिशा में बढ़ने वाले लोगों के समूह को संदर्भित करता है. सत्संगी को सत्य की खोज में लगा हुआ व्यक्ति कहा जा सकता है.
पहले सत्संग का अर्थ उस सभा तक सीमित था जिसमें कोई गुरु और उसके शिष्यों का समूह आध्यात्मिक चिंतन करता है. लेकिन अब इस सत्संग शब्द की परिभाषा को ज्यादा विस्तार मिल चुका है. अब इसमें ऐसा कोई भी समागम आ सकता है जिसमें आध्यात्मिक चिंतन, चर्चा, ध्यान या शिक्षण हो रहा हो. सत्संग के बारे में माना जाता है कि इससे समूह में अहंकार खत्म होता है. सम्मिलित प्रयास में सहयोग और एकता के कारण स्वार्थ की भावना खत्म होती है. इससे अलगाव की भावना भी समाप्त होती है. सत्संग वह समागम है जहां बिखरे हुए मन संगीत, ध्यान और ज्ञान के माध्यम से एकजुट होकर चेतना की उच्चतर अवस्था का अनुभव करते हैं.
अखाड़ा परिषद की लिस्ट में आसाराम उर्फ आशुमल शिरमानी, सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां, सच्चिदानंद गिरी उर्फ सचिन दत्ता, गुरमीत राम रहीम, ओम बाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ऊं नम: शिवाय बाबा, नारायण साईं, रामपाल, खुशी मुनि, बृहस्पति गिरि और मलकान गिरि के नाम थे. यह सभी बाबा विवादों से घिरे रहे हैं.
सत्संग करके करोड़ों रुपये कमाने वाले आसाराम ने अपने धर्म की दुकान गुजरात के अहमदाबाद से शुरू की थी. धर्म के सहारे अरबों का साम्राज्य बनाया. साल 2013 में नाबालिग शिष्या से रेप का आरोप लगा और सजा हुई. आशीर्वाद देने के नाम पर लड़कियों के यौन शोषण पर आसाराम का अब पूरा जीवन जेल में कटेगा.
स्वयंभू देवी सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां भक्तों की गोद में बैठने तक के पैसे लेती थीं. पंजाब के गुरुदासपुर जिले के दोरंगला गांव की सुखविंदर कौर पति की खराब आर्थिक स्थिति के कारण मुंबई में दूसरों के घरों में काम करती थीं. वह सिर्फ 10वीं तक पढ़ी है. राधे मां ने कुछ साल पहले अचानक खुद को महंत घोषित कर दिया था. उस पर खुदकुशी के लिए उकसाने जैसे गंभीर केस दर्ज हैं.
दिल्ली एनसीआर के नोएडा और गाजियाबाद में रियल एस्टेट के साथ बार और पब के कारोबार से जुड़े रहने वाले सचिन दत्ता उर्फ सचिदानंद अचानक सचिदानंद गिरी बाबा बन गए थे. आरोप है कि वह धोखे से निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर बन गए. रियल एस्टेट कारोबारी सचिदानंद गिरी के महंत बनने पर सभी लोग अचंभित थे.
हरियाणा के सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम रेप के मामले में सजायाप्ता हैं. राम रहीम 1990 में डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख बना था. खुद को रॉकस्टार बाबा के रूप में पेश करने वाले राम रहीम ने फिल्मों भी बनाईं और उनमें एक्टिंग भी की. गुरमीत राम रहीम अपनी शिष्या से रेप का दोषी है. उस पर पत्रकार और सेवादार की हत्या की भी आरोप है. वह रोहतक जेल में कैद है.
अजीब उपाय बताने वाला निर्मल बाबानिर्मल बाबा टीवी चैनलों पर काफी लोकप्रिय था. वह अजीब उपाय बताकर लोगों की समस्याएं सुलझाता था. निर्मल बाबा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. उस पर आय से अधिक संपत्ति के मामले सहित कई अन्य केस दर्ज हैं. निर्मल बाबा कहता था कि उसकी संस्था के बैंक खाते में पैसा जमा कराने से दुख दूर होते हैं.
होटल का गार्ड बन गया बाबा!भीमानंद महाराज सन 1988 में दिल्ली के नेहरू प्लेस में एक फाइव स्टार होटल में गार्ड की नौकरी करता था. वह अचानक बाबा बन गया. उसने 12 साल में करोड़ों की संपत्ति बना ली थी. यह फर्जी बाबा सेक्स रैकेट चलाने और चीटिंग करने के आरोप में जेल जा चुका है. उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के चमरौहा गांव का निवासी स्वामी भीमानंद खुद को साईं बाबा का अवतार बताता था. उसका असली नाम शिव मूरत द्विवेदी है.
रामपाल पर देशद्रोह का केसखुद को भगवान बताने वाला फर्जी बाबा रामपाल हरियाणा के सोनीपत के गोहाना तहसील के धनाना गांव का है. वह हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर था. उसने स्वामी रामदेवानंद महाराज का शिष्य बनने के बाद नौकरी छोड़ दी थी और प्रवचन देना शुरू कर दिया था. वह बाद में कबीर पंथ को मानने लगा. रामपाल के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज है. 2006 में रामपाल पर हत्या का केस दर्ज हुआ था.
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