एनडीए घटक दलों ने नरेन्द्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुनने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया. इस बैठक में पीएम मोदी ने सबसे पहले सभी दलों का आभार जताया. साथ ही उन्होंने देश के पूर्व दिग्गज नेताओं के योगदान का भी खासतौर पर जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी, प्रकाश बादल, बाला साहब ठाकरे, जॉर्ज फर्नांडीज, शरद यादव, अनगिनत नाम लेकर मैं कह सकता हूं कि इन लोगों ने जो बीज बोया था, उसे आज भारत की जनता ने विश्वास का सिंचन करके वटवृक्ष बना दिया. हमारे पास ऐसे महान नेताओं की विरासत हैं और हमें इस पर गर्व हैं.
देश को आगे ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे
पीएम मोदी ने कहा कि जनता और सरकारों के बीच में एक खाई की व्यवस्था बनी हुई थी, हमें उसे पाट दिया है. हम ‘सर्व धर्म समभाव' के सिद्धांत का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है, लेकिन देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी होता है और मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि जो सरकार चलाने का सौभाग्य दिया है, ये हम सबका दायित्व है हम सर्वमत का निरंतर प्रयास करेंगे और देश को आगे ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. एनडीए को करीब तीन दशक हो चुके हैं ये सामान्य घटना नहीं है, विविधता से भरी सामाजिक और लोकतांत्रिक रचना के बीच में ये यात्रा एक बहुत बड़ी मजबूती का संदेश देती है.
‘राष्ट्र प्रथम' के सिद्धांत के प्रति समर्पित एनडीए
इसी के साथ उन्होंने कहा कि एनडीए कोई ऐसे दलों का जमावड़ा नहीं है जो सत्ता के लिए ही बस एकसाथ आए हैं, बल्कि यह ‘राष्ट्र प्रथम' के सिद्धांत के प्रति समर्पित स्वाभाविक गठबंधन है. एनडीए की सरकार अगले 10 वर्ष में सुशासन, विकास और आम नागरिकों के जीवन में न्यूनतम हस्तक्षेप पर ध्यान केंद्रित करेगी. यह भारत के इतिहास का सबसे सफल गठबंधन है, हमारा उद्देश्य हमारे सभी फैसलों में आम-सहमति पाने का होगा. हम ‘सर्व धर्म समभाव' के सिद्धांत का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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