पश्चिम बंगाल में सभी राज्य-संचालित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को राज्यपाल सी वी आनंद बोस को एक साप्ताहिक गतिविधि रिपोर्ट प्रस्तुत करने और भविष्य में किसी भी बड़े मुद्दे के बारे में उन्हें जानकारी देने के लिए कहा गया है. दरअसल, राज्यपाल सी वी आनंद बोस सभी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं. दो विश्वविद्यालयों के कुलपति ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्हें इस संबंध में राज्यपाल सचिवालय से पत्र मिला है.
विश्वविद्यालयों के कुलपति के मुताबिक यह पत्र राज्यपाल सचिवालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी की ओर से चार अप्रैल को भेजा गया था. इस पत्र के मुताबिक साप्ताहिक गतिविधि रिपोर्ट सप्ताह के अंतिम कार्य दिवस को ई-मेल द्वारा प्रस्तुत की जाएगी और कोई भी निर्णय जिसमें वित्तीय निहितार्थ हों, माननीय कुलाधिपति के पूर्व अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किए जा सकते हैं.
पत्र के मुताबिक विश्वविद्यालयों के कुलपति अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीसी) मेजर निखिल कुमार के माध्यम से किसी भी बड़े मुद्दे पर माननीय कुलाधिपति से टेलीफोन या मेल पर संपर्क कर सकते हैं. पत्र में मेजर निखिल कुमार का मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी दिया गया है. पत्र में आगे कहा गया है कि राज्यपाल के वरिष्ठ विशेष सचिव देबाशीष घोष राजभवन में विश्वविद्यालय के मामलों का समन्वय करेंगे.
एक सरकारी विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर पीटीआई-भाषा को बताया कि उनके कार्यालय को पहले ही पत्र मिल चुका है और उनकी जानकारी में राज्य भर के विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों को भी पत्र मिल चुका है. यह पत्र पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा तत्कालीन राज्यपाल जगदीप धनखड़ के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य के विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने के अपने पहले के फैसले को पलटने की पृष्ठभूमि के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों के मामलों में धनखड़ की कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताई थी. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने हाल ही में कहा था कि राज्यपाल सी वी आनंद बोस राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति बने रहेंगे, न कि मुख्यमंत्री, और राज्य को विश्वविद्यालय के मामलों पर उनके साथ काम करने में कोई समस्या नहीं है.
यह भी पढ़ें -
सरकार ने बदला गैस की कीमत तय करने का फॉर्मूला, जानें- CNG और PNG कितनी हो सकती हैं सस्ती?
"यह व्यक्तिगत नहीं" : भाजपा में शामिल होने के लिए पिता के आलोचना करने पर NDTV से बोले अनिल एंटनी